Janmashtami 2025 : श्रीकृष्ण की 5 शिक्षाएं जो जीवन बदल सकती हैं
Premanand Ji Maharaj Tips : अगर हम इन दिव्य शिक्षाओं को अपनाएं, तो न केवल हमारा जीवन सुधरता है, बल्कि हम समाज और आत्मा के प्रति भी जागरूक बनते हैं.
By Ashi Goyal | August 2, 2025 11:30 PM
Janmashtami 2025 : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 का पर्व इस बार 16 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा. यह दिन केवल श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव नहीं, बल्कि धर्म, कर्म और भक्ति की शिक्षाओं को आत्मसात करने का पावन अवसर है. भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन और श्रीमद्भगवद्गीता के माध्यम से संसार को ऐसी अनेक अमूल्य शिक्षाएं दीं, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं. नीचे प्रस्तुत हैं श्रीकृष्ण की प्रमुख शिक्षाएं, जो यदि जीवन में अपनाई जायें तो मनुष्य का जीवन सार्थक और संतुलित बन सकता है:-
– कर्म करो, फल की चिंता मत करो
“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन”
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए यह स्पष्ट किया कि कर्म करना हमारा धर्म है, लेकिन फल पर हमारा अधिकार नहीं.
यह शिक्षा व्यक्ति को कर्मशील और निस्वार्थ बनाती है.
– आत्मा अजर-अमर है
“न जायते म्रियते वा कदाचित्…”
श्रीकृष्ण ने गीता में बताया कि आत्मा न कभी जन्म लेती है, न कभी मरती है.
यह ज्ञान मनुष्य को मृत्यु के भय से मुक्त करता है और जीवन में धैर्य देता है.
– संकट में भी धर्म से विचलित न हो
कुरुक्षेत्र में अर्जुन को जब मोह हुआ, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें धर्म की रक्षा और अधर्म के विरोध का संदेश दिया.
यह शिक्षा बताती है कि नैतिकता और धर्म के मार्ग पर चलते रहना ही जीवन की सच्ची विजय है.
– समता भाव अपनाओ – सुख-दुख में एक समान रहो “समोऽहं सर्वभूतेषु…”
श्रीकृष्ण ने सिखाया कि हमें सुख-दुख, लाभ-हानि, जय-पराजय में समान रहना चाहिए.
इससे व्यक्ति जीवन में शांति, संतुलन और मानसिक दृढ़ता प्राप्त करता है.
– भक्ति से बड़ा कोई मार्ग नहीं
श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा –
“मां नमः भजति भक्त्या, स मे प्रियः”
जो भी श्रद्धा और प्रेम से भगवान का स्मरण करता है, वह उनका प्रिय बन जाता है. भक्ति मार्ग सबसे सरल और प्रभावी माना गया है.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी केवल उत्सव नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प दिवस है. अगर हम इन दिव्य शिक्षाओं को अपनाएं, तो न केवल हमारा जीवन सुधरता है, बल्कि हम समाज और आत्मा के प्रति भी जागरूक बनते हैं.