कब है जया एकादशी, जानें सही तिथि और पारण का शुभ मुहूर्त
Jaya Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है. यह मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से भक्तों को श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही, यह व्रत जीवन के सभी दुखों और संकटों को दूर करने में सहायक होता है. विशेष रूप से, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के रूप में मनाया जाता है.
By Gitanjali Mishra | January 31, 2025 7:07 AM
Jaya Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है,वहीं हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत रखने का विधान होता है,साथ ही इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है, साथ ही जीवन के पापों से छुटकारा पाने के लिए एकादशी व्रत को बेहद शुभ माना जाता है, इस साल जया एकादशी का व्रत 8 फरवरी को रखा जाएगा.ऐसी मान्यता है कि माघ माह की जया एकादशी व्रत को करने से विष्णु जी की कृपा से सुख-समृद्धि का फल प्राप्त होता है.
जया एकादशी 2025 पूजा शुभ मुहूर्त, तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभ आरंभ 07 फरवरी को रात 09 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है, साथ ही एकादशी तिथि का समापन 08 फरवरी को रात 08 बजकर 14 मिनट पर होगा, ऐसे में उदयातिथि को आधार मानते हुए जया एकादशी का व्रत पूजा अर्चना 08 फरवरी को रखाना शुभ होगा.
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 26 मिनट से 03 बजकर 10 मिनट तक रहेगा गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 03 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक रहेगा
जया एकादशी 2025 पारण शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, एकदाशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को किया जाता है. ऐसे में जया एकादशी व्रत का पारण रविवार 09 फरवरी को होगा. वहीं पारण के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 4 मिनट से लेकर 09 बजकर 17 मिनट तक होगा. इस दौरान व्रत का पारण करना शुभ होगा.
जया एकादशी का महत्व
जया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का समर्पित होता है. ऐसी मान्यता है कि इस उपासना को करने से व्यक्ति के जीवनमे रोग से मुक्ति मिलती हैं और अरोग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही इस व्रत से आपको पापों से मुक्ति का वरदान मिलता है और व्यक्ति बैकुंठ धाम प्राप्त करता है. इसके अलावा जया एकादशी के नाम से ही पता चलता है कि यह व्रत व्यक्ति को सभी कार्यों में विजय और उन्नति प्राप्त कराता हैं.