कथा वाचक जया किशोरी जी (jaya kishori ) ने अपने एक कथा वाचन (jaya kishori katha )के दौरान एक बेहद ही भावनात्मक और चिंताजनक विषय पर अपनी चिंता जाहिर की और इसको लेकर लोगों को नसीहत दी जिसे समझने की जरूरत आज के दौर में काफी ज्यादा है.
कथा वाचक जया किशोरी jaya kishori की कथा व भजनों को काफी ज्यादा सुना जाता है.वो अपने भजनों से तो कभी कथाओं से लोगों को जगाने का काफी प्रयास करती रहती हैं.इसी क्रम में जया किशोरी ने अधिकतर लोगों के दुखती रग पर हाथ रख दिया और कुछ ऐसे मुद्दे छेड़ दिए जिसे आप भी जरूर जानना और सुनना पसंद करेंगे.जया किशोरी ने अपने कथा के दौरान कहा कि इस दुनिया मे कौन ऐसा है जो बदलता नही.श्रोताओं से इसका जबाब लेते हुए उन्होंने बताया कि एक भगवान ही है जो बदलता नही.उन्होंने संसार की परिभाषा बताई.एक बच्चे के जन्म से लेकर उसके जीवन तक के सफर में स्वार्थ की परिभाषा को उन्होंने उदाहरण के साथ बताया.
उन्होंने प्रेम को लेकर भी लोगों को सलाह दी.जया किशोरी कहती है कि आज जो प्रेम के नाम पर होता है वो प्रेम नही स्वार्थ कहलाता है.जया किशोरी वैरागी बनने से मना करते हुए सलाह देती हैं की पारिवारिक जीवन मे भी आप सही मार्ग पर चल सकते हैं.पैसे और परिवार के बीच उन्होंने अंतर समझाया है.जन्म से मृत्यु तक एक ऐसा आश्रय जो कभी नही बदलता उसके बारे में उन्होंने बताया है.इस कथा में अनेकों ऐसी बातें है जो आपके जीवन के कई समस्याओं को सही करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं.
जया किशोरी जी (Jaya kishori ji ) एक कथा वाचक और भजन गायिका (jaya kishori bhajan ) है. जो बहुत कम उम्र में ही आध्यात्म के मार्ग पर चल पड़ी और बहुत कम समय के अंदर भारत के अलावा विदेशों में भी उनके लाखो श्रोता हो गए जो उनके कथा वाचन को काफी पसंद करते हैं.
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