Jaya Kishori Tips : सच्चा प्रेम क्या है? जया किशोरी जी की नजर से प्रेम का अर्थ

Jaya Kishori Tips : जय किशोरी जी की दृष्टि में प्रेम कोई साधारण भावना नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धता और ईश्वर से जुड़ाव का जरिया है. जब प्रेम निष्कलंक, निरपेक्ष और निस्वार्थ होता है.

By Ashi Goyal | July 14, 2025 8:24 PM
an image

Jaya Kishori Tips : जया किशोरी जी आज के समय की एक प्रेरणादायक आध्यात्मिक वक्ता हैं, जो भक्ति, जीवन मूल्यों और प्रेम की गहराइयों को सरल भाषा में समझाती हैं. उनके अनुसार प्रेम केवल शब्दों में व्यक्त करने की चीज़ नहीं, बल्कि ईश्वर से जुड़ने का माध्यम है. सच्चा प्रेम वह है, जो स्वार्थहीन, निःस्वार्थ, और नियमित भावना से जुड़ा हो — चाहे वह मनुष्य के लिए हो या भगवान के लिए. यहां प्रस्तुत हैं जय किशोरी जी के विचारों पर आधारित सच्चे प्रेम के पहलू, जिन्हें अपनाकर कोई भी प्रेम के सच्चे स्वरूप को समझ सकता है:-

– सच्चा प्रेम मांगता नहीं, केवल देता है

जय किशोरी जी कहती हैं, “जहां मांग है, वहां व्यापार है — वहां प्रेम नहीं” सच्चा प्रेम वह है जो सामने वाले से कुछ पाने की अपेक्षा नहीं रखता. वह त्याग और समर्पण से भरा होता है. प्रेम केवल तब सच्चा कहलाता है जब वह बिना शर्तों के किया जाए.

– प्रेम में ईगो नहीं होता, केवल अपनापन होता है

जय किशोरी जी के अनुसार, जब प्रेम में अहंकार आ जाता है, तब वह टूटने लगता है. सच्चे प्रेम में “मैं” नहीं होता, बल्कि “हम” होता है. जो प्रेम विनम्रता और सहनशीलता से जुड़ा हो, वही ईश्वर को भी प्रिय होता है.

– भगवान से प्रेम ही सच्चे प्रेम की पहली सीढ़ी है

वह बताती हैं कि सच्चा प्रेम शुरू होता है ईश्वर से जुड़ाव से. जब हम भगवान श्रीकृष्ण या राधा रानी से प्रेम करते हैं, तो हमारी आत्मा प्रेम करना सीखती है. भक्ति में किया गया प्रेम हमें सांसारिक रिश्तों में भी सच्चा बनाता है.

– प्रेम का आधार विश्वास और क्षमा है

सच्चे प्रेम में सबसे बड़ा गुण होता है – विश्वास और क्षमा. जय किशोरी जी कहती हैं, “गलती तो सभी से होती है, लेकिन जो प्रेम में माफ करना सीखता है, वही ईश्वर के करीब होता है” यह गुण रिश्तों को टूटने से बचाते हैं.

– प्रेम सीमाओं में नहीं, भावनाओं में जीता है

सच्चा प्रेम जाति, धर्म, समय, दूरी — किसी सीमा में नहीं बंधता. जय किशोरी जी इसे भावनाओं की उन्नत अवस्था मानती हैं.जहां प्रेम होता है, वहां दूरी भी निकटता का अनुभव देती है.

यह भी पढ़ें : Jaya Kishori Tips : गुस्सा आए? जया किशोरी की यह 1 सलाह जरूर अपनाएं

यह भी पढ़ें : Jaya Kishori Tips : एक वाणी, लाख रिश्ते बोलते समय जया किशोरी ने दी ये सीख

यह भी पढ़ें : Jaya Kishori Tips : जया किशोरी जी के 3 ऐसे नियम जो उन्होंने कभी प्रवचन में नहीं बताए पर उनका जीवन बदल दिया

जय किशोरी जी की दृष्टि में प्रेम कोई साधारण भावना नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धता और ईश्वर से जुड़ाव का जरिया है. जब प्रेम निष्कलंक, निरपेक्ष और निस्वार्थ होता है, तब वह न केवल इंसानों को जोड़ता है, बल्कि आत्मा को भी शांति देता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version