Jyeshtha Month 2025: ज्येष्ठ माह में कर रहे हैं शादी का प्लान तो इन गलतियों से बचें

Jyeshtha Month 2025: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है. इस महीने में विवाह के लिए कुछ खास नियम निर्धारित हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. खासकर 'तीन ज्येष्ठ' का संयोग, ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे वर-वधु की शादी, और ग्रहों की स्थिति जैसे विषयों पर ध्यान न देने से वैवाहिक जीवन में दोष और कष्ट आ सकते हैं. इस साल भी गुरु और शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह के शुभ योग नहीं बन रहे हैं. इसलिए अगर आप इस महीने शादी की योजना बना रहे हैं, तो इन सावधानियों को जरूर समझें.

By Samiksha Singh | May 12, 2025 5:36 PM
an image

Jyeshtha Month 2025: ज्येष्ठ माह आते ही शादी-ब्याह की तैयारियां कई घरों में शुरू हो जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पवित्र महीने में विवाह को लेकर कुछ विशेष नियम और सावधानियां बताई गई हैं? अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि शादी से पहले कुछ अहम बातों को ध्यान में रखा जाए.

ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व

ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. यह समय गर्मी के चरम पर होता है और इसे तप, संयम और ध्यान का महीना माना जाता है. धार्मिक दृष्टि से इस माह में व्रत, दान और स्नान का विशेष महत्व होता है. हालांकि विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को लेकर यह माह कुछ शर्तों के साथ ही शुभ माना जाता है. सही नियमों का पालन न करने पर यह विवाह जीवन में परेशानियों का कारण बन सकता है.

तीन ‘ज्येष्ठ’ का मिलन अशुभ क्यों?

‘ज्येष्ठ’ शब्द का मतलब होता है “सबसे बड़ा”. धर्मग्रंथों के अनुसार यदि वर और वधु दोनों अपने-अपने घर की सबसे बड़ी संतान हों और उनकी शादी ज्येष्ठ माह में हो रही हो, तो यह ‘तीन ज्येष्ठ’ का योग बनाता है. यह संयोग बेहद अशुभ माना गया है. इससे विवाह के बाद जीवन में कलह, संतान से जुड़ी समस्या या अन्य मानसिक परेशानियां हो सकती हैं. अगर केवल एक ही पक्ष (वर या वधु) अपने घर में बड़ा है, तो दोष नहीं बनता.

ज्येष्ठा नक्षत्र का रखें ध्यान

धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे लड़का या लड़की यदि ज्येष्ठ माह में विवाह करें तो यह भी अशुभ फल दे सकता है. खासकर तब जब वर-वधु में से कोई भी ‘ज्येष्ठा नक्षत्र’ में जन्मा हो और वह भी अपने-अपने घर की सबसे बड़ी संतान हो, तो यह त्रिगुणित दोष बनता है. इससे वैवाहिक जीवन में स्थायित्व की कमी, विवाद और मानसिक तनाव की संभावना बढ़ जाती है.

यह भी पढ़े: Vat Savitri Vrat 2025: इस वट सावित्री व्रत पर पड़ रही है सोमवती अमावस्या, जानें क्यों खास है यह संयोग

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version