Kedarnath Opening Date 2024: ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि तय, जानें श्रद्धालु कब कर सकेंगे दर्शन

Kedarnath Opening Date 2024: ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को सुबह 7 बजे खुलेंगे. यह तिथि महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि पंचांग गणना से तय कर घोषित की गई है.

By Radheshyam Kushwaha | March 8, 2024 11:42 AM
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Kedarnath Opening Date 2024: चारधाम यात्रियों के लिए खुशखबरी है. ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि तय कर दी गई है. ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को सुबह 7 बजे खुलेंगे. यह तिथि महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि पंचांग गणना से तय कर घोषित की गई है. केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित करने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति के चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से अपने धाम के लिए प्रस्थान का दिन भी तय कर दिया गया है.

इस दिन प्रस्थान करेगी पंचमुखी डोली

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति की 5 मई को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरव नाथ जी के साथ पूजा होगी. पंचमुखी डोली 6 मई को श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी. विभिन्न पड़ावों से होकर 9 मई शाम को डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी. कपाट खुलने की तिथि आज पचकदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मौजूदगी में आयोजित एक धार्मिक समारोह में तय की गई है.

दो दिन बाद खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

चारधामों में से बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि पहले ही घोषित हो चुकी है. बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुल रहे हैं. बदरीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. बदरीनाथ धाम को भू वैकुंठ भी कहते हैं. ये मंदिर भगवान नारायण को समर्पित है. बता दें कि ये तीर्थ अलकनंदा नदी के किनारे करीब 3,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. शीतकाल में यहां का वातावरण बहुत ठंडा हो जाता है और बर्फबारी होती है, इस वजह से बद्रीनाथ मंदिर के कपाट शीत ऋतु में बंद कर दिए जाते हैं.
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केदारनाथ के कपाट क्यों बंद किए जाते हैं?

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भाई दूज से शीतकाल की शुरुआत मानी जाती है. भाई दूज दिवाली का पर्व है और इसके बाद ठंड बढ़ जाती है, जिससे हिमालय में रहना संभव नहीं है. इसलिए केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर यानि सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, फिर नए साल में अप्रैल-मई महीने में भक्तों के लिए कपाट खोले जाते हैं.

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