कामदा एकादशी 2025 पर जरूर करें ये 5 पुण्यदायी कार्य

Kamada Ekadashi 2025: कामदा एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से छुटकारा मिलता है. यह माना जाता है कि जो व्यक्ति एकादशी के दिन श्रद्धा पूर्वक उपवास रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे अपनी इच्छाओं के अनुसार फल प्राप्त होते हैं. आइए जानते हैं कि इस दिन किन कार्यों को करना चाहिए.

By Shaurya Punj | April 7, 2025 7:35 AM
an image

Kamada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति के घर में धन और समृद्धि का संचार होता है. हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी का व्रत मनाया जाता है. यह व्रत पुण्य फल देने वाला और सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को सभी पापों से छुटकारा मिलता है और उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है. विशेष रूप से, यह व्रत उन लोगों के लिए लाभकारी है जो संतान प्राप्ति, वैवाहिक सुख या जीवन में आने वाली बाधाओं से परेशान हैं.

कामदा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 अप्रैल को रात 8 बजे शुरू होगी. यह तिथि 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी. कामदा एकादशी का पारण 9 अप्रैल को किया जाएगा, जिसके लिए शुभ समय सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. पारण के दिन द्वादशी तिथि रात 10 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. यह महत्वपूर्ण है कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले किया जाए, क्योंकि द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप के समान माना जाता है.

कामदा एकादशी 2025 कब, जानें सही दिन, पूजा विधि और व्रत का महत्व

कामदा एकादशी पर जरूर करें ये सारे कार्य

  • व्रत और उपवास: कामदा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें. पूरे दिन निराहार या फलाहार करते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करें. अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें.
  • भगवान विष्णु की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं और तुलसी पत्र, पीले फूल, धूप, चंदन, फल आदि अर्पित करें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें.
  • दान-पुण्य: इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, फल, जल और दक्षिणा दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. गाय, ब्राह्मण और कन्याओं को दान देने से विशेष लाभ होता है.
  • कथा श्रवण: कामदा एकादशी व्रत की कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए. इससे व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है. इस कथा में रत्नपुर नगर के गंधर्व ललित और उसकी पत्नी की कहानी है, जिनके जीवन में एकादशी व्रत से सुख की प्राप्ति हुई थी.
  • सात्विक आचरण: इस दिन आपको क्रोध, धोखा, असत्य बोलने और किसी भी प्रकार के तामसिक व्यवहार से बचना चाहिए. मन, वचन और कर्म से शुद्धता बनाए रखना इस व्रत की सफलता के लिए अनिवार्य है.
संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version