Kamika Ekadashi Vrat 2025: कामिका एकादशी को क्यों कहा गया है हजार यज्ञों के बराबर

Kamika Ekadashi Vrat 2025: कामिका एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इसे हजार यज्ञों के बराबर पुण्यदायक माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की भक्ति से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है. जानें इसका महत्व और नियम.

By Shaurya Punj | July 21, 2025 5:38 PM
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Kamika Ekadashi Vrat 2025: सावन मास भगवान विष्णु की आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है. इस माह की एकादशी तिथि पर आने वाला कामिका एकादशी व्रत विशेष पुण्यदायक होता है. इस वर्ष यह शुभ व्रत सोमवार, 21 जुलाई 2025 को पड़ रहा है. यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है क्योंकि एक ओर भगवान विष्णु का व्रत है और दूसरी ओर सावन सोमवार होने से शिव भक्ति का भी योग है.

कामिका एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत हजारों यज्ञों के बराबर फलदायक होता है. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था कि इस दिन व्रत रखने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्त मोक्ष की ओर बढ़ता है. इसके पुण्य की तुलना हजार गायों के दान से की गई है.

आज कामिका एकादशी और सावन सोमवार का दुर्लभ संयोग, जानें महत्व

व्रत के प्रकार

इस एकादशी पर श्रद्धालु अपनी सामर्थ्य अनुसार दो तरह से व्रत रख सकते हैं:

  • निर्जला व्रत – पूरे दिन अन्न और जल का त्याग. यह कठिन व्रत है परंतु इसका फल अत्यंत पुण्यकारी होता है.
  • फलाहारी व्रत – केवल फल, दूध और जल का सेवन. यह अपेक्षाकृत सरल है लेकिन पुण्य फल में कोई कमी नहीं आती.

व्रत विधि

  • प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें.
  • भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करें.
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें.
  • व्रत कथा पढ़ें और प्रभु से प्रार्थना करें.
  • दिन भर सात्विक आचरण करें और क्रोध, झूठ से दूर रहें.
  • रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें.
  • अगले दिन द्वादशी को व्रत खोलते समय ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान अवश्य दें.

व्रत रखने के लाभ

  • पुराने पापों से मुक्ति मिलती है
  • मन और जीवन में शांति और संतुलन आता है
  • परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है
  • आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है

कामिका एकादशी केवल एक व्रत नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, भक्ति और मोक्ष की ओर बढ़ने का एक दुर्लभ अवसर है. यदि आप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और अध्यात्म का संबल चाहते हैं, तो इस पावन दिन पर व्रत अवश्य करें.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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