Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा आज, यहां से जानें स्नान दान करने का शुभ मूहूर्त

Kartik Purnima 2024: आज 15 नवंबर 2024 के कार्तिक पूर्णिमा मनाया जा रहा है. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरा सुर नामक राक्षस का वध किया था, जिसके कारण उन्हें त्रिपुरारी के नाम से संबोधित किया जाने लगा.

By Shaurya Punj | November 15, 2024 9:36 AM
feature

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा यह दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.कार्तिक पूर्णिमा स्नान, शैव और वैष्णव, दोनों ही सम्प्रदायों में बहुत ही उत्तम महत्वपूर्ण माना गया है.पूर्णिमा को श्री हरि विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था.इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है इस दिन दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होता है.कार्तिक पूर्णिमा कल्याणकारी त्योहार है इस दिन पूजा पाठ तथा दान करने से ग्रह दोष दूर होता है तथा सभी मनोकामना पूर्ण होता है. कार्तिक पूर्णिमा भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी को समर्पित है पूर्णिमा को दीप दान,अन्य दान करने का महत्व है.

त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है.कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवन शंकर ने त्रिपुरा सुर नामक राक्षस का अंत किया था इस दिन से भगवन शंकर को त्रिपुरारी के नाम से जाना गया इस कारण से कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है इस दिन गंगा स्नान तथा जलाशय स्नान कर दान पुण्य करने से सभी मनोकामना पूर्ण होता है .कार्तिक पूर्णिमा को संध्या काल में देव पूजन करने के बाद दीप उत्सव करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है.

कब है कार्तिक पूर्णिमा

आज 15 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार
पूर्णिमा तिथि का आरम्भ सुबह 06:19 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समाप्ति 16 नवम्बर 2024 दिन शनिवार रात्रि 02:58 मिनट तक यानि 15 नवम्बर की रात में पूर्णिमा समाप्त होगा.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

पूरे साल में पूर्णिमा 12 बार होता है शास्त्रों के अनुसार साल का आठवां महीना कार्तिक महीना होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है।लेकिन इसमें कुछ पूर्णिमा ऐसे है जिन्हें विशेष तौर पर जाना जाता है पूर्णिमा के दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है पूर्णिमा के व्रत करने से मानसिक स्थिति ठीक होता है पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का पूजन करने की प्रथा है इस दिन शिव तथा भगवन विष्णु तथा लक्ष्मी का पूजन किया जाता है.पुर्णिमा सिर्फ ज्योतिषीय विद्या ही नहीं है यह भागौलिक दृष्टि से भी अनुकूल होता है.इस दिन चंद्रमा सूर्य की सीधी रेखा में होता है तथा पूर्ण चंद्रमा होते है.

कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है.इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होता हैं.

कार्तिक पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम

कार्तिक पूर्णिमा बहुत पावन पूर्णिमा होता है. इस दिन भगवान मत्श्य के रूप में जल में विराजमान होते है. इसलिए उनको प्रसन्न करने के लिए दीप जलाया जाता है तथा नदी या जलाशयों में दीप जलाकर प्रवाहित भी किया जाता है, जिसे इस दिन को देव दीपावली भी कहा जाता है. इस दिन भगवन शंकर के साथ भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी गणेश तथा सूर्य एवं गंगा पूजन तथा चंद्रमा का पूजन किया जाता है.

कार्तिक पूर्णिमा के पूजन से ग्रह दोष दूर होता है

कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से तथा गंगा स्नान करने से चन्द्रदोष दूर होता है.इसलिए इस व्रत को महापुनित व्रत कहा जाता है.कार्तिक पूर्णिमा को रात्रि में वृष दान करने से शिवलोक की प्राप्ति होता है .

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version