Lal Kitab : पंडित रूपचंद जोशी की लाल किताब, जानें 5 ग्रंथों का रहस्य

Lal Kitab : इसके सरल उपाय, आध्यात्मिक दृष्टिकोण और व्यावहारिकता इसे आमजन में अत्यधिक लोकप्रिय बनाते हैं. श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका अध्ययन और प्रयोग जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है.

By Ashi Goyal | July 6, 2025 6:15 AM
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Lal Kitab : लाल किताब भारतीय ज्योतिष के क्षेत्र में एक रहस्यमय और अद्भुत ग्रंथ है, जिसे पंडित रूपचंद जोशी जी द्वारा 20वीं शताब्दी के मध्य में लिखा गया था. यह ग्रंथ पारंपरिक वैदिक ज्योतिष से अलग एक अनूठी पद्धति पर आधारित है, जो सरल भाषा में गूढ़ भविष्यवाणियों और उपायों को प्रस्तुत करता है. लाल किताब के कुल भाग हैं, जिनमें जीवन की हर समस्या का समाधान ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बताया गया है. आइए जानते हैं इस अलौकिक ग्रंथ के पाँचों भागों का रहस्य और महत्व:-

– 1939 – समुद्रिक शास्त्र आधारित

लाल किताब का पहला भाग 1939 में प्रकाशित हुआ, जिसे ‘समुद्रिक लाल किताब’ भी कहा जाता है. इसमें हस्तरेखा, मुखाकृति, और शरीर के लक्षणों के आधार पर भविष्यवाणी करने की विधियां बताई गई हैं. इसमें बताया गया है कि किस प्रकार व्यक्ति के चेहरे, हाथों और चाल से उसके जीवन की दिशा और ग्रहों की स्थिति समझी जा सकती है.

– 1940 – ज्योतिषीय सिद्धांत

इस भाग में ज्योतिष के मूल सिद्धांतों को सरल और व्यवहारिक तरीके से समझाया गया है। इसमें जन्म कुंडली, ग्रहों की स्थिति, और बारह भावों के प्रभाव का वर्णन किया गया है. वैदिक ज्योतिष की कठिन गणनाओं की तुलना में यह अधिक सहज और आमजन के लिए उपयोगी बताया गया है.

– 1941 – उपायों का खजाना

इस ग्रंथ में जीवन की समस्याओं जैसे विवाह में बाधा, रोग, शत्रु, व्यापार की हानि आदि के लिए सरल और घरेलू उपाय बताए गए हैं. जैसे – तांबे के पात्र में जल चढ़ाना, रोटी पर कुत्ते को घी लगाकर देना आदि. ये उपाय श्रद्धा से किए जाएं तो सकारात्मक परिणाम मिलते हैं.

– 1942 – भावों का विस्तृत ज्ञान

इस संस्करण में प्रत्येक ग्रह के बारह भावों में स्थित होने पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है, इसका विस्तृत विश्लेषण किया गया है. यह भाग छात्रों और ज्योतिष शास्त्र के जिज्ञासुओं के लिए एक गहन अध्ययन सामग्री है. इसमें “घर का ग्रह” और “नुकसानदेह ग्रह” जैसी अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया है.

– 1952 – सम्पूर्ण संस्करण

यह अंतिम ग्रंथ ‘लाल किताब’ का सम्पूर्ण और संशोधित रूप है. इसमें पूर्ववर्ती सभी भागों की सामग्री को एक जगह समाहित किया गया है. यह ग्रंथ न केवल एक मार्गदर्शक है, बल्कि इसे एक आध्यात्मिक ग्रंथ की तरह भी देखा जाता है जो आत्मा की यात्रा और ग्रहों के रहस्यों को उजागर करता है.

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लाल किताब केवल एक ज्योतिष ग्रंथ नहीं, बल्कि यह एक जीवन-दर्शन है जो मनुष्य को उसके कर्म, ग्रह, और नियति के बीच संबंध को समझाने का कार्य करता है. इसके सरल उपाय, आध्यात्मिक दृष्टिकोण और व्यावहारिकता इसे आमजन में अत्यधिक लोकप्रिय बनाते हैं. श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका अध्ययन और प्रयोग जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है.

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