महाशिवरात्रि में शिव-उपासना करने से है कई तरह का लाभ, यहां जानें
Mahashivratri 2025 puja benefits: महाशिवरात्रि व्रत के कई फायदे होते हैं. विवाह सुख प्राप्ति से लेकर धन-ऐश्वर्य को पाने को लेकर ये व्रत रखा जाता है. यहां से जानें.
By Shaurya Punj | February 25, 2025 8:44 AM
Mahashivratri 2025 Puja Benefits: भगवान शिव की उपासना के अनेक विधियाँ हैं जो सनातन धर्म में प्रचलित हैं. महाशिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत रखने से इच्छित जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही, भोलेनाथ महाशिवरात्रि के व्रत करने वालों को आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं से भी मुक्त करते हैं. हालांकि, महाशिवरात्रि व्रत के व्यावहारिक लाभों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. आइए जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से इसके बारे में
महाशिवरात्रि में शिवालय जाकर शिव लिंग पर बम-बम कहते हुए जल चढाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और मनुष्य को हर पापों से छुटकारा मिल जाता है.
शिव उपासना से मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय तथा सफलता प्राप्त करता है.
महाशिवरात्रि व्रत से अकाल मृत्यु के भय से मुक्त होता है तथा सदैव रोग मुक्त भी रहता है.
भगवान शिव सौभाग्य दायक हैं अतः महाशिवरात्रि के अवसर पर कुवांरी कन्या द्वारा इनकी आराधना करने से मनोवांछित वर प्राप्ति होती है.
शिवजी के उपासना करने से परिवार में सुख-सम्पन्नता,धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.व्यवसाय में उन्नति तथा दुःख-दरिद्रता,निःसन्तान को संतान सुख प्राप्त होता है.
शिव लिंग पर जलाभिषेक तथा विल्वपत्र चढ़ाने भगवान शिव प्रसन्न होते हैं संतान को हर कष्ट से छुटकारा मिलता है.
महाशिवरात्रि के दिन सुबह तथा सांयकाल पंचाक्षर मंत्र नमः शिवाय या ऊँ हौं जूं सः मंत्र का 108 बार जप करने से हर मनोकामना पूरी होती है.
हो रहा है शिवयोग का निर्माण
इस विशेष दिन पर शिवयोग का निर्माण हो रहा है, जो मध्य रात्रि 12:05 तक जारी रहेगा। इसके पश्चात सिद्ध योग प्रारंभ होगा. इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है, जो प्रातः 8:12 से अगले दिन शनिवार को प्रातः 6:42 तक रहेगा. यह तिथि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो रात्रि 7:50 बजे आएगी. इसके बाद चतुर्दशी का आगमन होगा. महाशिवरात्रि महा चतुर्दशी के दिन ही मनाई जाती है, जो अगले दिन 9 मार्च को शनिवार की संध्या 5:09 बजे तक ही रहेगी.