Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व है. विशेष रूप से माघ मास की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, का महत्व शास्त्रों में अत्यधिक वर्णित किया गया है. यह दिन भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है.
मौनी अमावस्या पर बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग
मौनी अमावस्या के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन मौन व्रत रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. इसके अतिरिक्त, पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भी यह एक शुभ अवसर है.
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इस मौनी अमावस्या पर मकर राशि में सूर्य, बुध और चंद्रमा का एकत्रित होना त्रिवेणी योग का निर्माण करेगा. इसके साथ ही, इन ग्रहों पर गुरु की नवम दृष्टि भी प्रभावी रहेगी. इसके अतिरिक्त, शुक्र का मीन राशि में स्थित होना मालव्य राजयोग को भी बनाए रखेगा. श्रवण नक्षत्र का संयोग भी इस दिन उपस्थित रहेगा. शश राजयोग और बुधादित्य राजयोग भी इस समय के दौरान सक्रिय रहेंगे.
मौनी अमावस्या पर स्नान और दान का शुभ समय
- 29 जनवरी 2025 को अमावस्या तिथि का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:30 बजे से 6:22 बजे तक रहेगा.
- इस दिन लाभ चौघड़िया सुबह 7:10 बजे से प्रारंभ होगा.
- अमृत चौघड़िया सुबह 8:31 बजे से 9:52 बजे तक उपलब्ध रहेगा.
- शुभ चौघड़िया सुबह 11:13 बजे से 12:34 बजे तक रहेगा.
महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन
महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन आयोजित होगा. सनातन धर्म में मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान के कार्यों को विशेष पुण्यदायी माना जाता है. इस कारण, दूसरे अमृत स्नान के अवसर पर अमावस्या तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है. इस दिन, करोड़ों श्रद्धालुओं के त्रिवेणी घाट में स्नान करने की संभावना है. इस वर्ष उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 वर्षों के बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है.
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