Muharram 2025: नजर आया मुहर्रम का चांद, इस दिन होगा यौम ए आशूरा

Muharram 2025: इस्लामी कैलेंडर का नया साल शुरू होने जा रहा है. मरकज़ी शिया चांद कमेटी के अनुसार 26 जून को मुहर्रम का चांद नजर आया है, जिससे 27 जून को पहली मुहर्रम होगी. इसी के साथ 10 मुहर्रम यानी यौम ए आशूरा 6 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा.

By Shaurya Punj | June 27, 2025 11:35 AM
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Muharram 2025: मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने घोषणा की है कि 26 जून को 29 जिल्हिज्जा के दिन मुहर्रम का चांद दिखाई दे गया है. इसके अनुसार, 27 जून से इस्लामी नववर्ष 1447 हिजरी की शुरुआत होगी और इसी दिन पहली मुहर्रम होगी. इस्लामी कैलेंडर के अनुसार यौमे आशूरा, यानी इमाम हुसैन की शहादत का दिन, इस वर्ष 6 जुलाई को 10 मुहर्रम के मौके पर मनाया जाएगा.

इस्लाम में गम के साथ शुरू होता है नया साल

जहां अधिकतर धर्मों में नया साल हर्षोल्लास और उत्सव के साथ मनाया जाता है, वहीं इस्लाम में नए साल की शुरुआत ग़म और मातम से होती है. इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम कहलाता है और इसी महीने से हिजरी नववर्ष की शुरुआत होती है. इतिहास के अनुसार, इसी माह में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे, इमाम हुसैन ने करबला (इराक) की ज़मीन पर सत्य और न्याय के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी. करबला स्थित उनका रोजा आज भी उनकी शहादत की गवाही देता है. हर वर्ष 10 मुहर्रम को ‘यौमे आशूरा’ के रूप में इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया जाता है, जहां उनकी स्मृति में ताजिये बनाए जाते हैं.

इमाम हुसैन की शहादत की याद में बनते हैं ताजिये

ताजियों को बनाने वाले कारीगरों में कई ऐसे भी होते हैं जो स्वयं करबला जाकर इमाम हुसैन के रोज़े की जियारत कर चुके हैं. जब वे वहां के अनुभवों को साझा करते हैं, तो भावनाओं से भर उठते हैं. उनकी कला में करबला का दृश्य और इमाम हुसैन की शहादत का एहसास झलकता है. ताजिया बनाते समय उनकी रचनात्मकता पूरी तरह इमाम हुसैन की याद में समर्पित होती है. उनका मानना है कि इमाम हुसैन किसी एक मज़हब या समुदाय के नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए प्रेरणा हैं.

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