Nautapa 2025 होने वाला है शुरू, ऐसे प्राप्त करें सूर्य देव की कृपा

Nautapa 2025 : नौतपा न केवल वैज्ञानिक रूप से तापमान का चरम होता है, बल्कि धार्मिक रूप से भी यह विशेष समय माना गया है.

By Ashi Goyal | May 24, 2025 8:27 PM
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Nautapa 2025 : नौतपा हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण समय होता है. यह समय हर साल ज्येष्ठ माह में आता है, जब सूर्य देवता अत्यधिक तीव्रता से प्रज्वलित रहते हैं. वर्ष 2025 में नौतपा 25 मई से शुरू होने जा रहे है. इस दौरान सूर्य देवता वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं और पृथ्वी पर तापमान अधिकतम स्तर तक पहुंच जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस समय सूर्य को जल चढ़ाने से न केवल शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है, बल्कि पापों का नाश भी होता है, यहां नौतपा में सूर्य देव को जल चढ़ाने के कारण बताए गए हैं:-

– सूर्य देवता की कृपा प्राप्त करें

हिन्दू धर्म में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता माना गया है. वे जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं. नौतपा में सूर्य की किरणें अत्यंत तीव्र होती हैं, जिससे प्रकृति तपती है. इस समय सूर्य को जल चढ़ाकर भक्त उनके क्रोध को शांत करने का प्रयास करते हैं और कृपा प्राप्त करते हैं.

– शरीर और मन की शुद्धि

नौतपा के दौरान सूर्य की ऊर्जा इतनी तीव्र होती है कि यह हमारे शरीर और मन दोनों पर असर डालती है. धार्मिक मान्यता है कि इस समय सूर्य को जल अर्पित करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मन शांत रहता है. यह एक आध्यात्मिक शुद्धिकरण की प्रक्रिया मानी जाती है.

– पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति

शास्त्रों के अनुसार नौतपा में किया गया सूर्य अर्घ्य विशेष फलदायी होता है. यह व्यक्ति के पूर्व जन्म और वर्तमान जन्म के पापों का नाश करता है. इस अवधि में जल चढ़ाना पुण्यदायी कर्म माना गया है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.

– संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि के लिए

नौतपा में महिलाएं विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा करती हैं ताकि उन्हें संतान सुख प्राप्त हो और परिवार में सुख-शांति बनी रहे. यह समय विशेष रूप से संतान की उन्नति, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए सूर्य को जल चढ़ाने का आदर्श समय माना गया है.

– ऋतु परिवर्तन को सहज बनाने के लिए

नौतपा ऋतु परिवर्तन का संकेत होता है. गर्मी से वर्षा ऋतु की ओर संक्रमण का समय होता है. सूर्य को जल चढ़ाकर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने की प्रार्थना की जाती है, ताकि वर्षा समय पर हो और किसान समुदाय को लाभ मिले.

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नौतपा न केवल वैज्ञानिक रूप से तापमान का चरम होता है, बल्कि धार्मिक रूप से भी यह विशेष समय माना गया है. सूर्य देव को जल अर्पित करके हम अपने जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं.

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