Nautapa 2025: आग उगलेगा सूरज, जानें कितने दिन तक झेलना पड़ेगा गर्मी का सितम, सूर्यदेव को ऐसे करें खुश

Nautapa 2025 starting date: गर्मी के मौसम में 9 दिनों तक अत्यधिक तापमान बढ़ता है. इसके कई फायदे भी होते हैं, इस दौरान सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं. कुछ उपायों से सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है.

By Shaurya Punj | May 16, 2025 10:13 AM
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Nautapa 2025: नौतपा का समय गर्मी और सूर्य की तीव्रता के लिए जाना जाता है. नौतपा का अर्थ है नौ दिनों तक चलने वाली गर्मी. यह हर साल मई के अंत में आता है और इन नौ दिनों में सूर्य पृथ्वी के निकटतम होता है, जिसके कारण तापमान में अत्यधिक वृद्धि होती है. इन दिनों सूर्य का प्रचंड स्वरूप देखने को मिलता है. ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो तापमान में अचानक वृद्धि होती है. आइए जानते हैं कि नौतपा कब से कब तक रहेगा और इस दौरान सूर्र्य देवता को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए.

नौतपा कब से कब तक

नवग्रहों के अधिपति सूर्य 25 मई को प्रातः 3 बजकर 27 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. 15 दिनों तक इस नक्षत्र में रहने के पश्चात, सूर्य 8 जून को मृगशिरा नक्षत्र की ओर अग्रसर होंगे. इस प्रकार, यह 15 दिन की अवधि पृथ्वी के लिए अत्यधिक गर्मी का कारण बनेगी. रोहिणी नक्षत्र में सूर्य की गतिविधि में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप नौतपा के दौरान सूर्य की गर्मी में और वृद्धि होती है.

नौतपा में सूर्यदेव को ऐसे करें खुश

नौतपा के दौरान सूर्य पूजा का अत्यधिक महत्व है. इस समय सूर्य नारायण की कृपा प्राप्त करना सरल होता है. यदि आप इस अवधि में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय करते हैं, तो उनकी कृपा आसानी से मिल सकती है. इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, सफलता और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. नौतपा में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करें. यदि संभव हो तो आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, इससे आप और आपका परिवार स्वस्थ रहेगा. सूर्य पूजा करने से आपकी खुशियों और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. इस समय सूर्य को अर्घ्य देने और पूजा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं और सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

नौतपा के दौरान जरूर करें ये काम

नौतपा के दौरान, प्रत्येक दिन सुबह उठकर नदी में स्नान करना और भगवान सूर्य को अर्घ देना चाहिए. इसके साथ ही, भगवान सूर्य के बीज मंत्रों का जाप भी करना आवश्यक है. इससे आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होगी और सभी प्रकार के रोग तथा दोष समाप्त हो जाएंगे. जातक के जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होगी.

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