इस दिन मनाया जाएगा फुलेरा दूज, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Phulera Dooj 2025: सनातन धर्म में अनेक पर्वों को अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है. इनमें फुलेरा दूज का त्योहार भी महत्वपूर्ण है. इस पावन अवसर पर भगवान कृष्ण और राधा रानी जी की आराधना की जाती है. इसके साथ ही विधिपूर्वक व्रत का आयोजन किया जाता है. आइए, जानते हैं कि वर्ष 2025 में फुलेरा दूज कब मनाया जाएगा.

By Gitanjali Mishra | February 15, 2025 1:25 PM
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Phulera Dooj 2025: पौराणिक कथा के अनुसार- एक बार कि बात है. भगवान श्री कृष्ण बहुत दिनों तक राधा से मिलने किसी कारणवश वृन्दावन नहीं जा पाए थे. वहीं ऐसे में राधा रानी अत्यंत दुखी और निराश हो गईं थी.राधा का ये अथाह पीड़ा देखकर सिर्फ ग्वाल व गोपियां ही नहीं, बल्कि मथुरा के सभी पेड़-पौधे व फूल मुरझाने लगे थे.ये सब सुनकर श्री कृष्ण राधा से मिलने वृंदावन को आये जिसके साथ साथ पूरा वृंदावन हरा भरा फूल ,पेड़-पौधे,नदियां सभी खिल से गये जैसे बसंत ऋतु का आगमन हो गया हो तब से ये फुलेरा दूज का उत्सव मनाए जाते हैं.यह त्यौहार श्री राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है .इस तिथि को अभुज मुहूर्त के भी नाम से जाना जाता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन कोई भी मंगलकारी कार्य आपका आजीवन भर शुभ फल दायक होता हैं.

2025 फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 01 मार्च 2025 को रात्रि 03 बजकर 16 मिनट पर आरंभ हो कर साथ ही 02 मार्च को रात्रि 12 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगा. ज्योतिष के माने तो ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक से इस साल का फुलेरा दूज का पर्व 01 मार्च 2025 को मनाया जाएगा.

  • अमृत काल – प्रातः काल 04 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक होगा
  • ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः05 बजकर 07 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक होगा

फुलेरा दूज धार्मिक महत्व

फुलेरा दूज बसंत ऋतु के आगमन का उत्सव है.इसे अभुज मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है,यह तिथि कृष्ण भक्तों के लिए बहुत अधिक महत्व रखता है. फुलेरा दूज पर ब्रज में एक-दूसरे पर फूलों की होली खेली और बसंत आगमन की खुशियां मनाई जाती हैं. फुलेरा दूज पर ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी पर फूलों की होली होली खेली जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन मास का रंग सबसे पहले श्री कृष्ण और राधा रानी खेलते है तब फाल्गुन मास की शुभ आरंभ होता है,साथ ही माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है.वहीं ऐसा भी कहते हैं कि फुलेरा दूज इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ फूलों की होली खेली थी.साथ ही इस त्यौहार को ब्रज और वृंदावन में बहुत हर्ष और धूमधाम से मनाया जाता है.

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