Premanand Ji Maharaj Tips: प्रेम ही जीवन की असली पूंजी है, जानिए प्रेमानंद जी के वचनों से

Premanand Ji Maharaj Tips: प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, प्रेम ही जीवन की वास्तविक संपत्ति है. इसे न कोई ले जा सकता है, न ही घटा सकता है। जहाँ प्रेम होता है, वहाँ ईश्वर स्वयं निवास करते हैं. उनके वचनों में प्रेम की गहराई, शांति और आनंद का मार्ग छिपा है, जो जीवन को संपूर्ण बनाता है.

By Ashi Goyal | May 28, 2025 6:46 AM
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Premanand Ji Maharaj Tips : परम पूज्य श्री प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत, अद्वितीय भागवत प्रवक्ता और प्रेम के सच्चे उपदेशक हैं. उनका जीवन संदेश यही है कि “प्रेम ही सच्चा जीवन है”. उनके अनुसार संसार में चाहे जितना भी धन, पद या प्रतिष्ठा क्यों न हो, यदि प्रेम नहीं है तो जीवन सूना और अधूरा है. प्रेमानंद जी के प्रवचनों में प्रेम, करुणा और भक्ति की मधुर धारा बहती है, जो हृदय को स्पर्श करती है और जीवन को बदल देती है. आइए जानें उनके प्रेमपूर्वक उपदेश, जो हमारे जीवन को सार्थक बना सकते हैं:-

– प्रेम ही परमात्मा का रूप है

प्रेमानंद जी कहते हैं कि सच्चा प्रेम ही भगवान का साक्षात स्वरूप है. जब हम किसी में निष्कलंक प्रेम देखते हैं, तो वहां ईश्वर का निवास होता है. इसलिए हमें हर जीव में प्रभु को देखना चाहिए और सभी से प्रेम करना चाहिए. प्रेम का व्यवहार ही ईश्वर की आराधना है.

– निंदा और द्वेष से दूर रहें

प्रेमानंद जी महाराज समझाते हैं कि जहां निंदा, ईर्ष्या और द्वेष होता है, वहां प्रेम नहीं टिक सकता. प्रेम के मार्ग पर चलने वाले को अपने मन को निर्मल और भावनाओं को सात्विक बनाना होता है. दूसरों की अच्छाइयों को देखना और उनकी भावनाओं का सम्मान करना सच्चा प्रेम है.

– सेवा में ही प्रेम का सार है

प्रेम केवल भावना नहीं, कर्म भी है. प्रेमानंद जी के अनुसार, सेवा ही प्रेम का जीवंत रूप है. जब हम बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सेवा करते हैं, तो वह प्रेम बन जाता है. चाहे वह माता-पिता की सेवा हो, संतों की सेवा हो या निर्धनों की सहायता – ये सभी प्रेम के प्रकट रूप हैं.

– भक्ति में प्रेम का गहरा संबंध है

प्रेमानंद जी महाराज भागवत कथा में बार-बार कहते हैं कि भक्ति बिना प्रेम के अधूरी है. भगवान श्रीकृष्ण को गोपियों का प्रेम प्रिय था, क्योंकि वह निस्वार्थ था. भक्ति में भाव और प्रेम जितना गहरा होगा, उतनी ही शीघ्रता से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है.

– प्रेम जीवन को पूर्णता देता है

प्रेम से ही जीवन में मिठास आती है. चाहे वह पारिवारिक संबंध हों, मित्रता हो या आध्यात्मिक मार्ग – प्रेम ही वह धागा है जो सबको जोड़ता है. प्रेमानंद जी के अनुसार, जो प्रेम करता है वह कभी अकेला नहीं रहता, क्योंकि प्रेम स्वयं ईश्वर बनकर साथ चलता है.

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प्रेमानंद जी महाराज का संदेश सरल, लेकिन अत्यंत गूढ़ है – “प्रेम ही जीवन का वास्तविक धन है।” यदि जीवन में सच्चा प्रेम हो, तो दुःख, भ्रम और अकेलापन स्वतः दूर हो जाते हैं.

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