Premanand Ji Maharaj Tips : प्रेमानंद जी बताते है टूटी दोस्ती को वापिस पाने के उपाय

Premanand Ji Maharaj Tips : प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, सच्चे मन से की गई प्रार्थना, धार्मिक आचरण और सकारात्मक विचारों से टूटी हुई दोस्ती भी पुनः जीवंत हो सकती है.

By Ashi Goyal | June 8, 2025 10:48 PM
an image

Premanand Ji Maharaj Tips : दोस्ती एक पवित्र रिश्ता है जो विश्वास, स्नेह और समझदारी पर टिका होता है. लेकिन कभी-कभी मनमुटाव, अहंकार या गलतफहमियों के कारण अच्छे दोस्त भी अलग हो जाते हैं. ऐसे में संत प्रेमानंद जी महाराज जी कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय बताते हैं, जिनके माध्यम से टूटी हुई दोस्ती को फिर से जोड़ा जा सकता है. आइए जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज के बताए मुख्य उपाय:-

– मन से क्षमा मांगें और प्रार्थना करें

प्रेमानंद जी कहते हैं कि अगर दोस्त से कोई गलती हो गई हो, तो सबसे पहले ईश्वर के सामने बैठकर सच्चे हृदय से क्षमा मांगनी चाहिए. भगवान श्रीकृष्ण या अपने इष्टदेव से यह प्रार्थना करें कि आपके रिश्ते में प्रेम और समझ फिर से लौट आए. जब दिल से क्षमा माँगी जाती है, तो उसका प्रभाव सूक्ष्म रूप से सामने वाले के मन पर भी पड़ता है.

– तुलसी माता के सामने संकल्प लें

हर सुबह तुलसी माता के समक्ष घी का दीपक जलाकर यह संकल्प लें – “हे विष्णु प्रभु, जैसे आपने अर्जुन को मित्र भाव से अपनाया, वैसे ही मेरे जीवन में भी मित्रता का पुनः आगमन हो” तुलसी जी साक्षात लक्ष्मी स्वरूपा हैं, और सच्ची भावना से की गई प्रार्थना से संबंधों में मिठास आती है.

– गीता का पाठ करें और अच्छे विचार भेजें

प्रेमानंद जी के अनुसार, श्रीमद्भगवद्गीता के प्रतिदिन एक अध्याय का पाठ करने से हमारे विचार शुद्ध होते हैं. जब मन में नकारात्मकता समाप्त होती है, तो हम अपने मित्र के प्रति प्रेम और करुणा से भर जाते हैं. आप मानसिक रूप से अपने मित्र को शुभकामनाएँ दें, जैसे – “ईश्वर तुम्हें खुश रखे, तुम्हारा कल्याण हो”

– गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं

गाय सेवा को अत्यंत पुण्यकारी माना गया है. सप्ताह में कम से कम एक बार गौ माता को गुड़ और रोटी खिलाएँ और मन ही मन प्रार्थना करें कि आपकी दोस्ती पुनः स्थापित हो. प्रेमानंद जी कहते हैं कि गौ सेवा से रिश्तों में स्थिरता और शुद्धता आती है.

– अहंकार त्यागकर पहल करें

धार्मिक दृष्टिकोण से अहंकार सबसे बड़ा दोष माना गया है. यदि दोस्ती टूटने में आपकी कोई भी भूमिका रही हो, तो बिना संकोच के पहल करें. एक छोटा-सा संदेश या फोन कॉल भी चमत्कार कर सकता है. विनम्रता और क्षमा धर्म के मूल हैं – इन्हें अपनाकर रिश्तों को बचाया जा सकता है.

यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips : जीवन के 5 सबसे बड़े सबक बताए प्रेमानंद जी महाराज ने

यह भी पढ़ें :Premanand Ji Maharaj Tips :प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षा – बच्चों को सरल और प्रभावी ढंग से पढ़ाने के महत्वपूर्ण उपाय

यह भी पढ़ें : Premanand Ji Maharaj Tips : प्रेमानंद जी महाराज ने बताया अमीर बनने का सरल तरीका

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, सच्चे मन से की गई प्रार्थना, धार्मिक आचरण और सकारात्मक विचारों से टूटी हुई दोस्ती भी पुनः जीवंत हो सकती है. ईश्वर पर विश्वास रखें और प्रेम के मार्ग पर चलें – यही सच्चा धर्म है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version