– राखी
रक्षा बंधन की पूजा थाली में सबसे पहली और आवश्यक वस्तु होती है राखी. यह केवल धागा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक बंधन है जो भाई की रक्षा, सुख और सफलता के लिए बहन की प्रार्थना का प्रतीक होता है. राखी को पूजा से पूर्व भगवान को अर्पित कर, फिर भाई को बांधना अत्यंत शुभ माना गया है.
– चावल और कुमकुम
हिंदू पूजन में अक्षत और कुमकुम का विशेष महत्व है. भाई की आरती करते समय, बहन उसके माथे पर तिलक करती है, जो उसके सौभाग्य और दीर्घायु का प्रतीक होता है. तिलक के लिए चावल और कुमकुम को एक साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है. यह पूजा को पूर्णता प्रदान करता है.
– दीया
दीपक को सनातन धर्म में प्रकाश, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है. पूजा की थाली में घी का दीपक अवश्य होना चाहिए. जब बहन भाई की आरती करती है, तो दीपक की लौ बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से उसकी रक्षा करती है.
– मिठाई
पवित्र कार्य में मीठा अति आवश्यक होता है. रक्षा बंधन की थाली में मिठाई रखने से प्रेम और मिठास का प्रतीक जुड़ता है. राखी बांधने के बाद बहन भाई को मिठाई खिलाकर रिश्ते की मधुरता को और मजबूत बनाती है.
– कलावा और नारियल
पूजा थाली में कलावा और नारियल रखना भी आवश्यक माना गया है. कलावा को पवित्रता और रक्षा का प्रतीक माना जाता है, वहीं नारियल शुभता, समृद्धि और सुख का प्रतीक है. नारियल को भगवान को अर्पित करने के बाद भाई को देना बेहद शुभफलदायी माना गया है.
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रक्षा बंधन केवल राखी बांधने का दिन नहीं है, यह एक आध्यात्मिक परंपरा है जिसमें हर वस्तु का धार्मिक महत्व होता है. यदि पूजा की थाली में ये सात शुभ वस्तुएं नहीं रखी गईं, तो पूजा अधूरी मानी जाती है और उसका संपूर्ण फल नहीं मिलता. इसलिए इस रक्षा बंधन पर थाली को सही रीति से सजाएं और इस पावन पर्व को पूर्ण श्रद्धा व विधि से मनाएं.