Raksha Bandhan 2025 कब है? जानिए राखी बांधने का सर्वोत्तम समय और रिवाज

Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व है, जिसे हर साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है. आइए जानें इस साल कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन

By Shaurya Punj | June 30, 2025 1:38 PM
an image

Raksha Bandhan 2025: हिंदू धर्म में रक्षा बंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह और विश्वास का पावन पर्व है. यह त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. भाई-बहन का यह बंधन किसी भी परंपरा या सामाजिक मान्यता से ऊपर है. हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व बहनों के लिए बेहद खास होता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र व समृद्ध जीवन की कामना करती हैं. बदले में भाई उन्हें जीवन भर रक्षा, सम्मान और सहयोग का वचन देते हैं. साल भर बहनें इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती हैं, क्योंकि यह सिर्फ रिवाज़ नहीं, बल्कि रिश्तों की गहराई और भावनाओं का पर्व है.

कब है रक्षा बंधन ?

रक्षा बंधन 2025 इस वर्ष शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का शुभ समय सुबह 05:47 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक रहेगा. यानी, इस दौरान 7 घंटे 37 मिनट तक राखी बांधने की रस्में निभाई जा सकती हैं. इस दिन भद्रा काल—जिसे राखी बांधने के लिए अशुभ माना जाता है—सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा, जिससे सुबह के समय को पूजा और राखी बांधने के लिए आदर्श माना जा रहा है. पूर्णिमा तिथि इस बार 8 अगस्त दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी. ऐसे में 9 अगस्त की सुबह भाई-बहन अपने स्नेह और सुरक्षा के इस पावन रिश्ते को हर्षोल्लास के साथ मना सकते हैं.

क्या रक्षाबंधन 2025 पर लगेगी भद्रा ?

हर साल रक्षाबंधन से पहले एक सवाल ज़रूर उठता है – क्या इस बार भद्रा लगेगी? क्योंकि मान्यता है कि भद्रा काल के दौरान राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता. ऐसे समय में बहनें भाई की कलाई पर राखी न बांधें, यही परंपरा है. लेकिन राहत की बात यह है कि इस साल 2025 में रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा. पंचांग के अनुसार, भद्रा काल 8 अगस्त दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त की सुबह 1:52 बजे तक रहेगा. चूंकि रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जा रहा है, और भद्रा सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो चुकी होगी, इसलिए सुबह का समय पूरी तरह शुभ और सुरक्षित रहेगा. इसलिए इस बार बहनें निश्‍चिंत होकर अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं और इस पावन पर्व को पूरे उत्साह और प्रेम से मना सकती हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version