Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय जरूर पढ़ें ये मंत्र, जानें विधि और महत्व

Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन सिर्फ राखी बांधने का पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक बंधन का प्रतीक है. अगर सही विधि और मंत्र के साथ राखी बांधी जाए, तो इसका प्रभाव और भी शुभ होता है. जानें राखी बांधने की परंपरा, मंत्र का महत्व और इसके पीछे छिपा धार्मिक रहस्य.

By Shaurya Punj | August 6, 2025 7:49 AM
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Rakshabandhan 2025: भाई-बहन का रिश्ता दुनिया के सबसे प्यारे और भरोसेमंद रिश्तों में से एक होता है. इस रिश्ते की डोर को और मजबूत बनाता है रक्षाबंधन का पर्व. यह केवल राखी बांधने का त्योहार नहीं, बल्कि प्यार, वचन और सुरक्षा के संकल्प का प्रतीक है.

रक्षाबंधन 2025 में यह पर्व 9 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि की कामना करती हैं. भाई भी बहनों की रक्षा और स्नेह का वचन देते हैं.

राखी बांधने की सही विधि: ऐसे करें पूजा और राखी का आयोजन

  • अगर आप रक्षाबंधन के दिन सही विधि से पूजा करते हैं, तो इसका प्रभाव और अधिक शुभ होता है. जानें चरणबद्ध तरीका:
  • सबसे पहले पूजा थाली सजाएं – इसमें रोली, अक्षत (चावल), चंदन, दीया, मिठाई और राखी रखें.
  • भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बैठाएं.
  • तिलक लगाएं – भाई के माथे पर चंदन और रोली से तिलक लगाएं, फिर चावल चिपकाएं.
  • राखी बांधें – भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें.
  • आरती करें और मिठाई खिलाएं.

राखी बांधते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

ॐ येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः.
तेन त्वामपि बध्नामि, रक्षे मा चल मा चल॥

इस मंत्र का अर्थ

“जिस रक्षा सूत्र से बलशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बांधती हूं. हे रक्षासूत्र! तू स्थिर रह, कभी न डगमगाना.”

मंत्र का पौराणिक महत्व क्या है?

यह मंत्र सीधे जुड़ा है देवी लक्ष्मी और राजा बलि की कथा से. जब भगवान विष्णु वामन अवतार में राजा बलि के पास रहने लगे थे, तब लक्ष्मी जी ने बलि को राखी बांधकर उन्हें वापस बुलाया. बलि ने प्रेमपूर्वक उन्हें जाने दिया. तभी से इस मंत्र को रक्षा सूत्र के साथ जोड़ा गया है.

राखी बांधते समय मंत्र क्यों जरूरी है?

मंत्र का उच्चारण राखी बांधने की प्रक्रिया को आध्यात्मिक ऊर्जा, भावना और शुभता से भर देता है. यह केवल एक रस्म नहीं रहती, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में आत्मिक जुड़ाव और विश्वास का संचार करता है.

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ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594 / 9545290847

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