Ravi Pradosh Vrat 2025 : माघ महीने का अंतिम प्रदोष व्रत आज 9 फरवरी 2025 को रखा जा रहा है. प्रदोष व्रत इस रविवार को मनाया जाएगा. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. आइए जानें आज किस शुभ मुहूर्त में पूजा करें साथ ही देखें पूजा विधि
रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार 9 फरवरी (रविवार) को शाम 7:25 बजे प्रदोष व्रत का आरंभ होगा और इसका समापन 10 फरवरी को शाम 6:57 बजे होगा. इस प्रकार, इस महीने का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन दान और पुण्य करने से जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाइयाँ नहीं आती हैं.
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रवि प्रदोष व्रत पूजा विधि
स्नान के उपरांत स्वच्छ वस्त्र पहनें. शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिपूर्वक पूजा करें. यदि व्रत का पालन करना है, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीप जलाएं. फिर शिव मंदिर या अपने घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें. अब रवि प्रदोष व्रत की कथा सुनें. तत्पश्चात, घी के दीपक से पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें. अंत में ॐ नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें और क्षमा प्रार्थना भी करें.
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
रवि प्रदोष व्रत के अवसर पर भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य देव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के करियर में उन्नति और नए अवसरों की प्राप्ति संभव होती है. शिव पुराण और स्कंद पुराण में उल्लेखित है कि इस दिन उपवास रखने से व्यक्ति रोगों और दोषों से मुक्त होता है तथा धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है. इसके अतिरिक्त, प्रदोष व्रत का पालन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का आगमन होता है.
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