Ravi Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष अवसर माना जाता है। हर महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस साल वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत 5 मई, रविवार को पड़ेगा।
कब है शुभ मुहूर्त?
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ – 5 मई, शाम 5:41 बजे
त्रयोदशी तिथि का समापन – 6 मई, दोपहर 2:40 बजे
पूजा का शुभ मुहूर्त – 5 मई, शाम 6:59 बजे से 9:06 बजे तक
कैसे करें पूजा?
प्रातः स्नान और संकल्प:
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
पूजा स्थल को साफ करें और भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
दीप जलाएं और धूप अगरबत्ती जलाएं.
भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें.
व्रत का संकल्प लें.
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शिव पूजा
प्रदोष काल में दुबारा स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
शुभ मुहूर्त में पंचामृत (जल, दूध, दही, घी और शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करें.
बेल पत्र, धतूरा, आक के फूल, कमल का फूल, भृंगी आदि चढ़ाएं.
शिवलिंग पर चंदन, गंगाजल और शहद लगाएं.
दीप, धूप और नैवेद्य अर्पित करें.
शिव चालीसा का पाठ करें और शिव मंत्रों का जाप करें.
आरती करें.
व्रत का पारण
सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल खत्म होने पर व्रत का पारण करें.
सबसे पहले भगवान शिव को भोग लगाएं.
फिर फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें.
दान-पुण्य करें.
इन बातों का भी रखें ध्यान
प्रदोष व्रत के दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें.
लहसुन, प्याज, मसूर, उड़द आदि तामसिक भोजन का सेवन न करें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें.
प्रदोष व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
दूसरों की सेवा करें और जरूरतमंदों की मदद करें.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847
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