Rudrabhishek In Sawan 2025 : घर पर इस पूजा विधि के साथ करें रुद्राभिषेक, प्रसन्न होंगे शिवजी

Rudrabhishek In Sawan 2025 : सावन में रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं. यह पूजा न केवल पापों का नाश करती है, बल्कि सुख, शांति और समृद्धि भी प्रदान करती है.

By Ashi Goyal | June 21, 2025 7:50 PM
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Rudrabhishek In Sawan 2025 : श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का परम पावन समय होता है. इस मास में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है. 2025 में सावन का प्रारंभ 10 जुलाई से हो रहा है और यह महीना पूरे उत्तर भारत में शिवभक्ति से ओत-प्रोत रहेगा. रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने की सर्वोत्तम विधियों में से एक है. यह पूजा शिवलिंग पर विविध पवित्र सामग्रियों से अभिषेक करके की जाती है। यदि विधिपूर्वक घर पर रुद्राभिषेक किया जाए, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं, यहां दी जा रही है महत्वपूर्ण विधि जिसको अपनाकर आप घर पर रुद्राभिषेक कर सकते हैं:-

– पूजा की तैयारी और स्थान का चयन

सबसे पहले घर में शांत, स्वच्छ और पवित्र स्थान पर मिट्टी, पत्थर या धातु से बने शिवलिंग की स्थापना करें. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और स्वयं स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजन से पूर्व “ओम नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए ध्यानपूर्वक शिव का ध्यान करें.

– रुद्राभिषेक की सामग्री

रुद्राभिषेक के लिए आवश्यक सामग्री में गंगाजल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर, बेलपत्र, भस्म, धतूरा, आक, फल, फूल, चंदन, धूप-दीप आदि रखें. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से शिवलिंग का अभिषेक करें और हर सामग्री अर्पण करते समय “ओम नमः शिवाय” या “ओम रुद्राय नमः” का जाप करें.

– शिव पुराण या रुद्राष्टाध्यायी का पाठ

रुद्राभिषेक के समय शिव पुराण, रुद्राष्टाध्यायी, लघु रुद्र या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है. कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें –
“ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्”

– बेलपत्र और विशेष अर्पण

भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है. तीन पत्तों वाला बेलपत्र शिवलिंग पर इस मंत्र के साथ अर्पित करें –
“त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रयायुधम्
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शुभं कुरु”
इसके साथ ही धतूरा, भांग और सफेद पुष्प भी अर्पण करें.

– आरती और शिव व्रत का संकल्प

अंत में भगवान शिव की आरती करें –
“ओम जय शिव ओंकारा”
आरती के बाद हाथ जोड़कर शिव से क्षमा याचना करें और अपने कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें. सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने और रुद्राभिषेक करने से जीवन के दोष और बाधाएं समाप्त होती हैं.

सावन में रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं. यह पूजा न केवल पापों का नाश करती है, बल्कि सुख, शांति और समृद्धि भी प्रदान करती है. श्रद्धा, भक्ति और विधिपूर्वक किया गया रुद्राभिषेक, हर भक्त के जीवन को शिवमय कर देता है.

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भगवान शिव की आराधना का परम पावन समय होता है. इस मास में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है. 2025 में सावन का प्रारंभ 10 जुलाई से हो रहा है और यह महीना पूरे उत्तर भारत में शिवभक्ति से ओत-प्रोत रहेगा. रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने की सर्वोत्तम विधियों में से एक है. यह पूजा शिवलिंग पर विविध पवित्र सामग्रियों से अभिषेक करके की जाती है। यदि विधिपूर्वक घर पर रुद्राभिषेक किया जाए, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं, यहां दी जा रही है महत्वपूर्ण विधि जिसको अपनाकर आप घर पर रुद्राभिषेक कर सकते हैं:-

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