Rudrabhishek in Sawan 2025 : सावन का महीना भगवान शिव की पूजा और आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है. इस माह में विशेष रूप से रुद्राभिषेक करने का अत्यंत महत्व है. रुद्राभिषेक के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाना एक प्रमुख पूजा विधि है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बेहद गहरा है. आइए जानते हैं सावन में शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने के 5 अहम कारण:-
– शिवलिंग की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का उपयोग
गंगा नदी को स्वच्छता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. गंगाजल शिवलिंग पर चढ़ाने से शिवलिंग का शुद्धिकरण होता है. यह जल न केवल बाहरी गंदगी को धोता है, बल्कि शिव के आदर्श रूप में आंतरिक दोषों और नेगेटिव एनर्जी को भी दूर करता है. सावन में यह क्रिया भगवान शिव की भक्ति और श्रद्धा को साकार रूप देती है.
– रुद्राभिषेक में गंगाजल का आध्यात्मिक महत्व
रुद्राभिषेक का अर्थ है ‘रुद्र’ यानी शिव के एक रूप का अभिषेक करना. गंगाजल से अभिषेक करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगाजल से अभिषेक करने से मानव के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है. इसलिए सावन में गंगाजल से शिवलिंग की पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है.
– गंगा का शिवजी से विशेष संबंध
पौराणिक कथाओं के अनुसार, गंगा नदी स्वयं भगवान शिव के जटाओं से निकली थी. इसलिए गंगाजल को शिवजी का अभिन्न हिस्सा माना जाता है. शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने का मतलब है शिवजी को उनकी जटा जल देने की प्रक्रिया, जिससे उनकी तपस्या और शक्ति बनी रहती है. सावन के महीने में इस अनुष्ठान का महत्व और भी बढ़ जाता है.
– सावन में आध्यात्मिक शुद्धि और मनोबल बढ़ाने वाला कार्य
सावन के महीने में गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से न केवल शरीर और मन की शुद्धि होती है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी होती है. यह क्रिया भक्तों के मन को स्थिर और शांत करती है, साथ ही जीवन में पॉजिटिव एनर्जी और सफलता लाती है. शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से मन की बाधाएं दूर होती हैं.
– सावन के सोमवार और गंगाजल अभिषेक का विशेष महत्व
सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है. इस दिन गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह दिन भक्तों के लिए अपने मनोकामनाओं की पूर्ति का माध्यम बनता है. पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि सावन सोमवार को गंगाजल से अभिषेक करने से देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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इस विधि से भक्त अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का अनुभव करते हैं. इसलिए सावन के पावन माह में गंगाजल से रुद्राभिषेक करना अत्यंत लाभकारी और शुभ कार्य माना जाता है.
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