Sawan 2025: सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है. यह समय भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए समर्पित होता है. विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए सावन का माह सौभाग्य और सुंदरता का प्रतीक होता है. इसी कारण इस महीने में हरी चूड़ियां पहनने की परंपरा भी बहुत खास मानी जाती है, जो नारी सौंदर्य और सुहाग का प्रतीक है.
कब खरीदें हरी चूड़ियां?
सावन में रविवार और मंगलवार को छोड़कर किसी भी शुभ दिन हरी चूड़ियां खरीदी जा सकती हैं. विशेष रूप से श्रावण सोमवार, हरियाली तीज, मंगला गौरी व्रत, नाग पंचमी और रक्षाबंधन जैसे त्योहारों से पहले हरी चूड़ियां खरीदना बेहद शुभ माना जाता है.
सुहागन महिलाओं के लिए हरियाली तीज पर मेहंदी क्यों है आवश्यक?
मान्यता है कि रविवार (सूर्य ग्रह) और मंगलवार (मंगल ग्रह) को चूड़ियों की खरीदारी शुभ नहीं मानी जाती, इसलिए इन दिनों से बचना चाहिए.
हरी चूड़ी पहनने के नियम
- चूड़ियां पहनते समय भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें.
- शुद्ध जल या गंगाजल से चूड़ियों को धोकर धारण करना शुभ माना जाता है.
- यदि चूड़ियां किसी विशेष व्रत या पूजा के लिए हैं, तो पूजा के बाद ही पहनें.
- चूड़ियां हमेशा स्वच्छ और शांत वातावरण में पहननी चाहिए.
- सावन में हरी चूड़ियां गरीब या जरूरतमंद महिलाओं को दान करना पुण्यदायी होता है.
धार्मिक मान्यता
हरी चूड़ियां स्त्री के सौभाग्य, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक होती हैं. ऐसी मान्यता है कि सावन में हरी चूड़ी पहनने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति की आयु व समृद्धि में वृद्धि होती है. साथ ही यह माता पार्वती और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का माध्यम भी मानी जाती है.