Sawan 2025 Special: सावन में ब्रह्मचर्य पालन है विशेष फलदायक, इस माह में संयम का है विशेष धार्मिक महत्व

Sawan 2025 Special: सावन का महीना केवल शिव भक्ति का नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और संयम का अवसर भी है. स्कंद पुराण में वर्णित है कि इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन सौ यज्ञों के समान फल देता है. सावन में आहार, व्यवहार और विचार में शुद्धता विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है.

By Shaurya Punj | July 16, 2025 10:09 AM
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Sawan 2025 Special: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और शुभ समय माना जाता है. यह केवल धार्मिक उत्साह का महीना नहीं, बल्कि आत्मिक और शारीरिक शुद्धि का भी उत्तम अवसर है. स्कंद पुराण सहित कई धार्मिक ग्रंथों में इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन करने को विशेष पुण्यकारी बताया गया है.

स्कंद पुराण में ब्रह्मचर्य का महत्व

स्कंद पुराण के अनुसार, “जो व्यक्ति सावन के महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करता है, वह सौ यज्ञों का फल प्राप्त करता है.” ब्रह्मचर्य केवल शरीर तक सीमित नहीं होता, बल्कि विचार, वाणी और कर्म में भी संयम जरूरी है. यह साधना व्यक्ति को आत्मिक बल प्रदान करती है, जिससे उसका चित्त शांत होता है और शिव भक्ति में मन एकाग्र हो पाता है. काम, क्रोध, लोभ और मोह जैसे मानसिक विकारों पर नियंत्रण रखकर ब्रह्मचर्य का पालन करने से शरीर में तेज और ओज की वृद्धि होती है, जिससे साधक अध्यात्म की ओर उन्नति करता है.

शिवलिंग पर एक लोटा जल, श्रद्धा, सेवा और संवेदना का प्रतीक 

सावन में क्या करें

  • प्रतिदिन प्रातः स्नान कर शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं.
  • “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
  • सोमवार का व्रत रखें और शिव कथा का श्रवण करें.
  • शुद्ध और सात्विक भोजन करें, विशेषकर फल और हरी सब्जियाँ ग्रहण करें.
  • संयम, ध्यान और दान-पुण्य का अभ्यास बढ़ाएं.

सावन में क्या ना करें

  • मांसाहार, शराब और धूम्रपान से पूरी तरह परहेज करें.
  • क्रोध न करें, वाणी पर संयम रखें और आलस्य से दूर रहें.
  • तामसिक भोजन, अधिक सोना और भौतिक दिखावे से बचें.
  • शिव पूजन में तुलसी, केतकी के फूल और शंख जल का प्रयोग न करें.

सावन माह का प्रभाव

सावन का महीना आत्मशुद्धि, संयम और भक्ति के अभ्यास का काल है. स्कंद पुराण के अनुसार इस समय ब्रह्मचर्य का पालन व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक संतुलन भी देता है. यह माह शिव आराधना के साथ आत्मविकास का श्रेष्ठ अवसर है.

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