– हरी चूड़ियां
सावन में हरी चूड़ियां पहनना अखंड सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक होता है. हरा रंग हरियाली, उर्वरता और जीवनशक्ति का सूचक है. कहा जाता है कि माता पार्वती को हरी चूड़ियां अत्यंत प्रिय हैं. इन्हें पहनने से वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है.
– सिंदूर
सुहागिन स्त्रियों का सबसे पवित्र और शुभ प्रतीक है सिंदूर. सावन के पावन दिनों में मांग में सिंदूर भरना सौभाग्यवती स्त्री की पहचान मानी जाती है. यह शिव-पार्वती के मिलन का प्रतीक भी है और दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता लाता है.
– बिंदी
ललाट पर लगी बिंदी केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और विवाहित स्त्री की गरिमा का प्रतीक है. सावन में लाल या हरे रंग की गोल बिंदी लगाना शुभ माना जाता है. यह स्त्री की चित्त एकाग्रता और देवी शक्ति से जुड़ाव का संकेत हैं.
– पायल और बिछुए
पैरों में पहने जाने वाले पायल और बिछुए सुहाग की निशानी माने जाते हैं. सावन में इन्हें पहनना नारीत्व की गरिमा और धार्मिक शुद्धता का प्रतीक है. यह शरीर की एनर्जी को कंट्रोल कर पॉजिटिविटी बढ़ाने का कार्य करते हैं.
– मेंहदी
मेंहदी का संबंध सौभाग्य, प्रेम और सौंदर्य से है. सावन में हाथों में मेंहदी रचाना न केवल परंपरा है, बल्कि यह देवी पार्वती के आशीर्वाद और पति की लंबी उम्र की कामना से भी जुड़ा होता है. मेंहदी की खुशबू मन को शांत और प्रसन्न करती है.
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सावन का महीना नारी शक्ति, श्रद्धा और सौंदर्य का उत्सव है. इस दौरान सुहागिन महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली ये चीजें न केवल धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करती हैं, बल्कि उनके जीवन में शांति, प्रेम और समृद्धि भी लाती हैं. अगर आप भी इन चीजों को सच्ची श्रद्धा से धारण करें, तो शिव-पार्वती की कृपा सदैव बनी रहेगी.