– कांवड़ यात्रा एक व्रत है, पिकनिक नहीं
कांवड़ यात्रा कोई पर्यटन या मौज-मस्ती का साधन नहीं है. यह आत्मशुद्धि और भगवत-सेवा का माध्यम है. हँसी-मजाक, मोबाइल पर अश्लील वीडियो, या तेज संगीत का प्रयोग पूरी तरह वर्जित है.
– पवित्रता का रखें विशेष ध्यान
यात्रा के दौरान शुद्ध विचार, शुद्ध वाणी और शुद्ध आचरण अत्यंत आवश्यक है. मांस, मदिरा, तंबाकू का सेवन न करें. गंगा जल को सिर पर लेकर चलते समय जमीन पर न रखें, यह धार्मिक दृष्टि से अपवित्रता मानी जाती है.
– ‘बोल बम’ का उच्चारण करें श्रद्धा से
‘बोल बम’, ‘हर हर महादेव’ आदि मंत्रों का जाप करते समय भक्ति भाव बना रहे. इनका प्रयोग मज़ाक या बिना भाव से न करें. यह शिवभक्ति का मुख्य भाग है.
– महिला श्रद्धालुओं के प्रति रखें सम्मान
कांवड़ यात्रा में सभी यात्री समान हैं. महिलाओं के प्रति आदर और मर्यादा बनाए रखें। कोई आपत्तिजनक हरकत कांवड़ धर्म के खिलाफ मानी जाती है.
– रास्ते में कहीं भी न करें कूड़ा-कचरा
धार्मिक यात्रा का मतलब है पर्यावरण और प्रकृति के प्रति ज़िम्मेदारी निभाना. प्लास्टिक, थरमोकॉल, और बोतलों को रास्ते में फेंकना कांवड़ परंपरा का उल्लंघन है.
– जल अर्पण केवल दाहिने हाथ से करें
गंगाजल जब शिवलिंग पर अर्पित करें तो दाहिने हाथ से करें और साथ में “ओम नमः शिवाय” का जाप ज़रूर करें. जल अर्पण के समय चप्पल पहनना या सिर खुला रखना अनुचित माना जाता है.
– धैर्य और सेवा भाव रखें यात्रा में
कांवड़ यात्रा में थकान, भीड़ और कठिनाइयां सामान्य हैं. ऐसे समय में क्रोध नहीं, बल्कि शिव के सेवक बनने का भाव रखें. दूसरों की मदद करना ही असली भक्ति है.
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कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि शिव से जुड़ने का अद्भुत अवसर है. अगर इन बातों का ध्यान रखें, तो आपकी यात्रा न केवल सफल होगी बल्कि आपको शिव की विशेष कृपा भी प्राप्त होगी.