– प्रातः काल स्नान और संकल्प लें
सावन सोमवार को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा जल मिले जल से स्नान करें. शुद्ध वस्त्र धारण कर शिव उपासना का संकल्प लें. संकल्प लेते समय अपने मनोकामना को स्मरण करते हुए “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जप करें.
– शिवलिंग का अभिषेक करें
शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें. तत्पश्चात शुद्ध जल से स्नान कराएं। फिर बिल्वपत्र, आक, धतूरा, सफेद पुष्प, चंदन, भस्म, और फल अर्पित करें. शिवजी को रुद्राक्ष माला, वस्त्र, और भोग समर्पित कर उनकी पूजा करें.
– ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
सावन सोमवार को “ओम नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करें. इसके साथ ही “ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…” महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से रोग, भय, और मृत्यु के संकट से रक्षा होती है.
– शिव चालीसा और व्रत कथा का पाठ करें
शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायक होता है. व्रत कथा सुनने या पढ़ने से पूजा पूर्ण मानी जाती है. कथा में माता पार्वती और शिवजी के व्रत की महिमा का वर्णन है, जो भक्त के जीवन में वैवाहिक सुख और सौभाग्य लाता है.
– गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें
पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और गरीबों को अन्न, वस्त्र, या दक्षिणा देना बेहद पुण्यकारी होता है. यह भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय होता है और इससे मनोकामनाओं की पूर्ति शीघ्र होती है.
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सावन सोमवार के दिन भक्त यदि उपरोक्त विधियों से श्रद्धा और नियमपूर्वक शिवजी की पूजा करता है, तो उस पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है. जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख, समृद्धि तथा शांति का वास होता है.