Sawan Somvar 2025: सावन का पहला सोमवार क्यों है पूजन के लिए विशेष
Sawan Somvar : सावन का पहला सोमवार भगवान शिव की आराधना का प्रथम और सबसे प्रभावशाली अवसर है. यह दिन शिव कृपा के द्वार खोलता है और भक्तों को भक्ति, शक्ति और शांति का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है.
By Ashi Goyal | June 15, 2025 8:21 PM
Sawan Somvar : हिन्दू धर्म में श्रावण मास को भगवान शिव की आराधना का सबसे श्रेष्ठ समय माना गया है. विशेष रूप से सोमवार के दिन शिवजी को पूजन, व्रत, और जलाभिषेक करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है. सावन का पहला सोमवार शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी होता है, क्योंकि यही दिन भोलेनाथ की कृपा पाने की आरंभिक सीढ़ी माना जाता है. यह दिन आत्मिक शुद्धि, भक्ति, और मनोकामना पूर्ति का विशेष माध्यम बनता है:-
– भगवान शिव को प्रिय सोमवार का प्रथम व्रत
हिन्दू शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन अत्यंत प्रिय है. सावन का पहला सोमवार, जब संपूर्ण वातावरण शिवमय होता है, उनकी उपासना का प्रारंभ करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है. यह दिन भक्तों को व्रत व पूजन की पवित्र शुरुआत का अवसर देता है, जिससे पूरे माह की साधना का पुण्य संचित होता है.
श्रावण मास का आरंभिक पुण्यकाल
श्रावण मास को देवों के देव महादेव की विशेष कृपा का मास माना गया है. पहले सोमवार को किया गया व्रत और पूजन संपूर्ण माह की आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करता है. इस दिन से ही भक्त ‘सावन सोमवार व्रत’ की श्रृंखला शुरू करते हैं और मनोकामना पूर्ति हेतु संकल्प लेते हैं.
– जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व
पहले सोमवार को शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद और पंचामृत से अभिषेक करने का विशेष महत्व है. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन जलाभिषेक करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. विशेष रूप से ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जप करते हुए रुद्राभिषेक करने से शिवजी शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
– सावन में व्रत करने की विशेष महिमा
जो भक्त सावन के पहले सोमवार से नियमपूर्वक व्रत रखते हैं, उन्हें विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. यह व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए उत्तम वर प्राप्ति का माध्यम बनता है, वहीं विवाहित स्त्रियांअपने परिवार की सुख-शांति और सौभाग्य के लिए यह व्रत करती हैं.
– आध्यात्मिक जागरण और कल्याण का मार्ग
सावन का पहला सोमवार आत्मिक जागरण का प्रथम द्वार है. इस दिन से शिव साधना, ध्यान, भजन, और सेवा का आरंभ करना व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति, आध्यात्मिक प्रगति और मोक्ष की ओर मार्ग प्रशस्त करता है.
सावन का पहला सोमवार भगवान शिव की आराधना का प्रथम और सबसे प्रभावशाली अवसर है. यह दिन शिव कृपा के द्वार खोलता है और भक्तों को भक्ति, शक्ति और शांति का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है. श्रद्धा, संयम और नियम से किए गए व्रत और पूजन से शिवजी की असीम कृपा प्राप्त होती है.