शनि अमावस्या 2025 पर बदल सकती है आपकी किस्मत, जानें तिथि और खास उपाय

Shani Amavasya 2025: चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को चैत्र अमावस्या कहा जाता है, लेकिन जब यह तिथि शनिवार को आती है, तो इसे शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा, यह शनिश्चरी अमावस्या वर्ष 2025 की पहली अमावस्या भी है. आइए, इस तिथि के महत्व और पूजा के मुहूर्त के बारे में जानते हैं.

By Shaurya Punj | March 24, 2025 10:55 AM
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Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या हिंदू कैलेंडर में एक विशेष महत्व रखता है. जब अमावस्या (नई चंद्रमा की तिथि) शनिवार को आती है, तब इसे शनि अमावस्या कहा जाता है. यह दिन शनि देव की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जिन्हें कर्म, अनुशासन, संघर्ष और जीवन की संरचना का प्रतीक माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की आराधना करना भी शुभ माना जाता है. यह आत्म-चिंतन, आध्यात्मिक शुद्धि और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर है.

शनि अमावस्या 2025 में कब है?

इस वर्ष शनि अमावस्या 28 मार्च की शाम 7:55 बजे से प्रारंभ होकर 29 मार्च को दोपहर 4:27 बजे तक रहेगी. इसलिए, इस दिन के शुभ फल प्राप्त करने के लिए दोनों दिनों में पूजा और दान करना लाभकारी रहेगा.

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शनि अमावस्या पर ग्रहों का शुभ संयोग

29 मार्च 2025 को शनि 30 वर्षों के बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जो इस वर्ष का एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा. मीन राशि में पहले से ही राहु उपस्थित है, और साथ में सूर्य, बुध, तथा शुक्र भी हैं. शनि के इस गोचर से मीन राशि में पंचग्रही योग का निर्माण होगा, जो सभी राशियों के लोगों के लिए लाभकारी रहेगा.

शनि अमावस्या पर क्या करना चाहिए ?

  • जरूरतमंदों को काला तिल, कंबल, उड़द दाल आदि का दान करें.
  • पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
  • इस दिन शनि देव, भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है.

शनि अमावस्या के दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए ?

  • ओम नमः शिवाय
  • ओम महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात
  • ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
  • ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये. शंयोरभि स्रवन्तु नः
  • इसके अतिरिक्त, शनि स्तोत्र, शनि चालीसा या हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है. यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और शनि देव की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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