Shani Vakri 2024: न्याय और कर्मफलदाता शनि ग्रह की वक्री चाल 30 जून को रात 12 बजकर 35 मिनट से उनकी स्वराशि कुंभ में प्रारंभ होगी. यह वक्री अवस्था 139 दिनों तक चलेगी, अर्थात् शनि महाराज 30 जून से 15 नवंबर को शाम 7 बजकर 51 मिनट तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे. जब शनि ग्रह वक्री चाल में होते हैं, तो उनके प्रभाव अधिक तीव्र और प्रतिकूल हो जाते हैं. शनि की इस वक्री चाल का सबसे अधिक असर 6 राशियों के जातकों पर पड़ेगा, जिनके जीवन के विभिन्न पहलुओं में नकारात्मक परिवर्तन देखे जा सकते हैं. शनि की वक्री चाल का प्रभाव इन राशियों के जातकों पर कई तरह की चुनौतियाँ और समस्याएं ला सकता है. ये चुनौतियां करियर, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत संबंध, और आर्थिक मामलों में उत्पन्न हो सकती हैं. इन राशियों के जातकों को अपने जीवन में तनाव, विवाद, और अनपेक्षित कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. विशेषकर कार्यस्थल पर सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समस्याएं बढ़ सकती हैं, और व्यक्तिगत जीवन में भी संबंधों में टकराव और दूरी की संभावना हो सकती है. आर्थिक मामलों में, इन जातकों को निवेश और वित्तीय निर्णयों में सतर्कता बरतनी होगी, क्योंकि इस अवधि में गलतियां होने की संभावना अधिक होती है. आइए, विस्तार से जानें कि शनि की इस वक्री चाल का किस-किस राशि पर क्या अशुभ प्रभाव पड़ेगा.
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