Shefali Jariwala की मौत, जानें अंतिम संस्कार के हिंदू अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण मंत्र और धार्मिक विधियां

Shefali Jariwala Death: ‘कांटा लगा’ फेम अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का निधन आधी रात को दिल का दौरा पड़ने से हो गया। ऐसे समय में हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार की विधियां और मंत्र आत्मा की शांति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. आइए जानते हैं इन धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व.

By Shaurya Punj | June 28, 2025 12:47 PM
an image

Shefali Jariwala Death: मशहूर अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला का बीती रात को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. ‘कांटा लगा’ गाने से अपार प्रसिद्धि पाने वाली शेफाली की अचानक हुई इस दुःखद मृत्यु ने उनके प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री को गहरा आघात पहुंचाया है. ऐसे समय में न केवल भावनात्मक रूप से, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी मृत्यु के बाद की विधियों और मंत्रों की जानकारी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिससे आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो सके.

हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद की परंपराएं

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, मृत्यु केवल शरीर का अंत नहीं बल्कि आत्मा की यात्रा का एक नया चरण होता है. इसलिए मृत्यु के बाद विधिपूर्वक अंतिम संस्कार करना आत्मा की शांति और अगली गति के लिए आवश्यक माना गया है.

Shefali Jariwala का निधन, आधी रात में मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार से जुड़ी मान्यताएं क्या कहती हैं?

प्रमुख धार्मिक विधियां और अनुष्ठान

शव को स्नान कराना और वस्त्र पहनाना

मृत देह को स्नान कराकर शुद्ध वस्त्र पहनाए जाते हैं. पुरुषों को सफेद धोती या वस्त्र और महिलाओं को उनकी पसंदीदा साड़ी पहनाई जाती है.

तुलसी और गंगाजल का प्रयोग

मृतक के मुख में तुलसी दल और गंगाजल रखा जाता है, जिससे आत्मा को शुद्धता और गति प्राप्त होती है.

मुखाग्नि देना

पारंपरिक रूप से परिवार का ज्येष्ठ पुरुष सदस्य मुखाग्नि देता है. इस दौरान ‘ॐ अग्नये स्वाहा’ जैसे वैदिक मंत्र उच्चारित किए जाते हैं.

प्रमुख मंत्र

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय – आत्मा की शांति के लिए.
  • महामृत्युंजय मंत्र (ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…) – मोक्ष और भय से मुक्ति हेतु.
  • ॐ शांतिः शांतिः शांतिः – मानसिक और आध्यात्मिक शांति हेतु.

श्राद्ध और तर्पण कर्म

मुखाग्नि के पश्चात 10वें और 13वें दिन पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मण भोज जैसे कर्म किए जाते हैं, जिससे मृतात्मा को संतोष और शांति मिलती है.

शेफाली जरीवाला का असमय निधन निश्चित ही दुखद है, लेकिन यदि उनके अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाजों और वैदिक मंत्रों के साथ सम्पन्न हुए हैं, तो यह उनकी आत्मा की शांति में सहायक सिद्ध होगा. हिंदू धर्म की इन परंपराओं का उद्देश्य केवल क्रिया-कर्म नहीं, बल्कि आत्मा की अगली यात्रा को सहज और शुभ बनाना है. इस शोक की घड़ी में हम उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवार को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version