Simhastha Kumbh: कुंभ की अगली पावन डुबकी महाकाल की नगरी में, जानें पहला शाही स्नान कब
Simhastha Kumbh 2025: सिंहस्थ कुंभ विशेष रूप से केवल नासिक और उज्जैन में ही आयोजित होता है. ज्योतिषीय दृष्टि से इसका गहरा संबंध सिंह राशि से है. मान्यता है कि जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में स्थित होते हैं, तब इन तीर्थ स्थलों पर सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होता है. इस संयोग को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
By Shaurya Punj | June 25, 2025 8:00 AM
Simhastha Kumbh, Nashik-Trimbakeshwar Simhastha Kumbh Mela Date: महाकुंभ का आयोजन केवल प्रयागराज में होता है, जबकि कुंभ मेला देश के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों—हरिद्वार, नासिक, प्रयागराज और उज्जैन—में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है. अब जब प्रयागराज में हाल ही में महाकुंभ सम्पन्न हुआ है, तो अगले कुंभ यानी उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ को लेकर चर्चा तेज हो गई है. यह कुंभ विशेष महत्व रखता है. आइए जानते हैं, सिंहस्थ कुंभ कब और क्यों लगता है?
सिंहस्थ कुंभ की शुरूआत कब से
सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 को त्र्यंबकेश्वर, रामकुंड और पंचवटी में ध्वजारोहण के साथ विधिवत रूप से प्रारंभ होगा. इसके बाद 29 जुलाई 2027 को नासिक में ‘नगर प्रदक्षिणा’ का आयोजन होगा. कुंभ का पहला ‘अमृत स्नान’ 2 अगस्त 2027 को निर्धारित है, जबकि दूसरा अमृत स्नान 31 अगस्त को और तीसरा व अंतिम स्नान क्रमशः 11 सितंबर 2027 को नासिक और 12 सितंबर 2027 को त्र्यंबकेश्वर में होगा.
सिंहस्थ कुंभ चाहे नासिक में हो या उज्जैन में, हर बार लाखों श्रद्धालु इसमें आस्था की डुबकी लगाने उमड़ पड़ते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सिंहस्थ कुंभ में भाग लेता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
इसी साल लगा था महाकुंभ मेला
महाकुंभ 26 फरवरी तक चला था. प्रयागराज में आयोजित इस महाकुंभ में मकर संक्रांति के बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान किया गया था. इसके बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन हुआ था. इसी स्नान के साथ महाकुंभ का विधिवत समापन हो गया था.