Swapna Shastra : सपनों को बोलना बंद करें 5 ऐसे सपने जो साझा न करें

Swapna Shastra : स्वप्न केवल मन की कल्पनाएं नहीं, बल्कि आत्मा और ब्रह्मांड के बीच का एक गुप्त संवाद होते हैं. स्वप्न शास्त्र के अनुसार कुछ सपनों को गुप्त रखना ही उनके शुभ फल को सुरक्षित रखता है.

By Ashi Goyal | July 6, 2025 6:16 AM
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Swapna Shastra : हिंदू धर्म में स्वप्न शास्त्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है, जिसमें यह बताया गया है कि सपनों का हमारे जीवन, कर्म और भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है. पुराणों और शास्त्रों के अनुसार कुछ सपने शुभ फल देते हैं, तो कुछ अनिष्ट का संकेत करते हैं. विशेष बात यह है कि कुछ सपनों को कभी भी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए, वरना उनका प्रभाव समाप्त हो सकता है या नेगेटिव परिणाम सामने आ सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे सपनों के बारे में जिन्हें बोलना वर्जित माना गया है:-

– भविष्य में धन लाभ से जुड़ा सपना

यदि कोई व्यक्ति सपने में स्वयं को सोने, चांदी या अन्य बहुमूल्य वस्तुएं प्राप्त करते हुए देखता है, तो यह धन लाभ का संकेत माना जाता है. लेकिन शास्त्रों में कहा गया है कि ऐसे सपनों को किसी को भी नहीं बताना चाहिए. इसे बताने से उसका शुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है और लाभ रुक सकता है.

– ईश्वर या देवी-देवता का आशीर्वाद मिलना

अगर किसी को स्वप्न में भगवान शिव, विष्णु, माता दुर्गा या किसी अन्य देवी-देवता के दर्शन होते हैं या उनसे आशीर्वाद प्राप्त होता है, तो यह अत्यंत शुभ संकेत होता है. लेकिन यह सपना गुप्त रखना चाहिए क्योंकि इसे प्रकट करने से वह दिव्य ऊर्जा कमज़ोर पड़ सकती है और आत्मिक फल घट सकता है.

– स्वयं को राजा या शक्तिशाली रूप में देखना

जब कोई व्यक्ति सपने में स्वयं को राजा, प्रशासक या किसी ऊँचे पद पर देखता है, तो यह भविष्य में यश, मान-सम्मान और सफलता का संकेत है. स्वप्न शास्त्र कहता है कि ऐसे स्वप्न को गुप्त रखने से उसका प्रभाव और अधिक सशक्त होता है. इसे बोलने से ईर्ष्या और बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं.

– गुप्त खजाना या रहस्यमयी स्थान देखना

अगर स्वप्न में कोई खजाना, गुप्त स्थान, गुफा या चमत्कारी वस्तु दिखाई दे तो यह विशेष अवसर या आध्यात्मिक उन्नति का संकेत होता है. ऐसे स्वप्न को बोलना वर्जित माना गया है क्योंकि यह आपके जीवन में आ रहे चमत्कारों की गोपनीयता को भंग कर सकता है.

– पूर्वजों का दर्शन या आशीर्वाद मिलना

स्वप्न में पूर्वजों का आना या उनका आशीर्वाद प्राप्त होना आत्मिक शांति और पितृ कृपा का संकेत होता है. इसे भी गुप्त रखना चाहिए क्योंकि इसे उजागर करने से उस पवित्र संपर्क में विघ्न आ सकता है और पितृ दोष के समाधान में रुकावट आ सकती है.

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स्वप्न केवल मन की कल्पनाएं नहीं, बल्कि आत्मा और ब्रह्मांड के बीच का एक गुप्त संवाद होते हैं. स्वप्न शास्त्र के अनुसार कुछ सपनों को गुप्त रखना ही उनके शुभ फल को सुरक्षित रखता है. अतः आध्यात्मिक दृष्टि से विवेकपूर्ण रहना और ऐसे गुप्त स्वप्नों को न बताना ही धर्म और बुद्धिमत्ता दोनों का लक्षण है.

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