Tuslidas Jayanti 2025: इस दिन मनाई जाएगी गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती, जानिए सही तिथि और महत्व
Tuslidas Jayanti 2025: तुलसीदास जी की जयंती इस वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी. यह दिन महान संत और रामभक्त गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है. जानिए इस पावन दिन की सटीक तिथि, धार्मिक महत्व और तुलसीदास जी के अमूल्य योगदान के बारे में.
By Shaurya Punj | July 29, 2025 11:59 AM
Tuslidas jayanti 2025: यह भारत महान ऋषियों, मनीषियों और विद्वानों की पावन भूमि रही है. इस देश में समय-समय पर ऐसे महापुरुषों ने जन्म लिया है, जिन्होंने समाज के कल्याण और आध्यात्मिक उत्थान के लिए अद्वितीय कार्य किए हैं. आज हम एक ऐसे ही महाज्ञानी और संत की जयंती की बात कर रहे हैं, जिनकी रचनाएं भारतीय संस्कृति और धर्म के अमूल्य धरोहर हैं. यहां बात हो रही है महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी की, जो भगवान श्रीराम के परम भक्त और श्रीरामचरितमानस जैसे कालजयी ग्रंथ के रचयिता थे. उन्होंने अपने काव्य और लेखन के माध्यम से प्रभु श्रीराम के आदर्शों और जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचाया. तुलसीदास जयंती 2025 (Tulsidas Jayanti 2025) संत तुलसीदास जी के जन्मदिवस के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी. यह दिन हमें उनके योगदान, भक्ति, और साहित्यिक उपलब्धियों को स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है.
कब मनाई जाएगी तुलसीदास जयंती
तुलसीदास जयंती हिंदू संवत कैलेंडर के अनुसार श्रावण के पवित्र महीने के कृष्ण पक्ष के 7 वें दिन मनाई जाती है. वर्ष 2025 में तुलसीदास जयंती बृहस्पतिवार, जुलाई 31,को मनाई जाती है.
तुलसीदास जयंती इतिहास और महत्व
गोस्वामी तुलसीदास को भारतीय साहित्य के सबसे सम्मानित और प्रशंसित कवियों में गिना जाता है. ऐसा माना जाता है कि वे अपने जीवनकाल में भगवान श्रीराम और हनुमान जी से साक्षात मिले थे. एक प्रसिद्ध किंवदंती के अनुसार, हनुमान जी ने स्वयं उन्हें रामचरितमानस की रचना में मार्गदर्शन और सहयोग दिया था. तुलसीदास जयंती का महत्व इस बात में निहित है कि यह दिन उनके जीवन, भक्ति और साहित्यिक योगदान को स्मरण करने का अवसर देता है. इस दिन विशेष रूप से रामायण के प्रचार-प्रसार में तुलसीदास जी की भूमिका को रेखांकित किया जाता है. उनकी रचनाएं न केवल आधुनिक भारतीय साहित्य की अमूल्य धरोहर मानी जाती हैं, बल्कि वे भारतीय संस्कृति, धर्म और दर्शन का जीवंत संगम भी प्रस्तुत करती हैं.