– नेगेटिव एनर्जी को बढ़ावा देता है
वास्तु शास्त्र के अनुसार मिरर ऊर्जा को प्रतिबिंबित करता है. जब आप बेड के सामने मिरर लगाते हैं, तो आपकी नींद की स्थिति मिरर में दिखाई देती है. यह ऊर्जा के दोहराव का कारण बनता है, जो आपके मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को बिगाड़ सकता है. इससे मानसिक अशांति, तनाव और अनिद्रा की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
– आत्मा के भटकाव का कारण बनता है
हिंदू धर्म में माना जाता है कि रात्रि में आत्मा शरीर से सूक्ष्म रूप से बाहर निकलती है. यदि मिरर सामने हो तो वह आत्मा खुद को उसमें देखकर भ्रमित हो सकती है और घर में भटकाव पैदा कर सकती है. यह स्थिति आध्यात्मिक दृष्टि से अशुभ मानी जाती है, विशेषकर पूर्णिमा या अमावस्या की रात में.
– वैवाहिक जीवन में कलह का कारण
वास्तु के अनुसार मिरर यदि बेड के ठीक सामने हो तो पति‑पत्नी के बीच विवाद, संवादहीनता और गलतफहमी का कारण बन सकता है. यह प्रतिबिंब रिश्तों में द्वैध स्थिति उत्पन्न करता है और पारिवारिक सौहार्द्र में बाधा डाल सकता है. विशेषकर दक्षिण दिशा में मिरर लगाना इससे भी अधिक दोषपूर्ण माना गया है.
– धन और स्वास्थ्य में रुकावट
वास्तु में उत्तर दिशा धन की और दक्षिण दिशा स्वास्थ्य की दिशा मानी जाती है. यदि मिरर गलत दिशा में हो या बेड के सामने हो, तो यह दोनों ही क्षेत्रों में बाधा उत्पन्न करता है. धीरे‑धीरे व्यक्ति आर्थिक हानि, कर्ज, और रोगों से घिर सकता है.
– समाधान क्या है?
अगर मिरर को हटाना संभव न हो तो रात को सोते समय उस पर मोटा कपड़ा या पर्दा डाल देना चाहिए. साथ ही, कोशिश करें कि मिरर किसी भी स्थिति में सोते हुए व्यक्ति को प्रतिबिंबित न करें. मिरर को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना अधिक शुभ माना जाता है. इससे ऊर्जा का सही प्रवाह बना रहता है.
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वास्तु शास्त्र केवल एक विश्वास नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित और शांतिपूर्ण बनाने की एक विधा है. बेड के सामने मिरर लगाने से बचें और इन उपायों को अपनाकर अपने जीवन में सुख‑शांति और पॉजिटिव एनर्जी को आमंत्रित करें.