– गायत्री मंत्र – “ओम भूर्भुवः स्वः…”
गायत्री मंत्र अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना गया है. इसका नित्य जाप घर की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. सुबह-सुबह इस मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करना विशेष फलदायक होता है। यह वास्तु दोष के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव को भी दूर करता है.
– महा मृत्युंजय मंत्र – “ओम त्र्यम्बकं यजामहे…”
यह मंत्र विशेष रूप से रोग, भय और वास्तु दोष से मुक्ति दिलाने वाला है. घर में कोई व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ता है या असमय दुर्घटनाओं का सामना कर रहा है, तो इस मंत्र का जाप अथवा श्रवण बहुत लाभकारी होता है. इसे रोजाना सुबह या शाम कम से कम 11 बार अवश्य पढ़ें या सुनें.
– श्री विष्णु सहस्त्रनाम या “ओम नमो भगवते वासुदेवाय”
विष्णु मंत्र घर में शांति और स्थायित्व लाता है. यदि घर में व्यापार या नौकरी संबंधित रुकावटें चल रही हों, तो यह मंत्र लाभ देता है. प्रतिदिन शाम के समय इस मंत्र को धीमे स्वर में सुनना या जपना बहुत प्रभावशाली माना जाता है.
– शिव पंचाक्षरी मंत्र – “ओम नमः शिवाय”
यह अत्यंत सरल और प्रभावशाली मंत्र है. रोजाना इस मंत्र का जप करने से नकारात्मकता समाप्त होती है और घर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है. विशेष रूप से उत्तर दिशा में बैठकर इसका जाप करने से उत्तम फल मिलता है.
– शांति पाठ – “ओम द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः…”
यह वैदिक शांति मंत्र पूरे घर में संतुलन और शांति बनाए रखता है. वास्तु दोषों के कारण उत्पन्न असंतुलन और बेचैनी को यह मंत्र शांत करता है. सप्ताह में कम से कम एक बार पूरे परिवार को मिलकर इसका पाठ या श्रवण करना अत्यंत लाभकारी होता है.
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वास्तु दोष को केवल तोड़फोड़ से नहीं, बल्कि नियमित आध्यात्मिक उपायों से भी दूर किया जा सकता है. ये मंत्र न केवल घर को ऊर्जावान बनाते हैं, बल्कि मानसिक, भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन भी प्रदान करते हैं. श्रद्धा और नियमपूर्वक इन मंत्रों का जाप या श्रवण करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि स्थायी रूप से वास करती है.