Vastu Tips : रात में उंगलियां चटकाना हो सकता है नुकसानदायक, जानें अहम कारण

Vastu Tips : वास्तु और धर्मशास्त्र दोनों में ही रात्रिकालीन संयम को अत्यधिक महत्व दिया गया है. उंगलियां चटकाना भले ही एक सामान्य आदत लगे, लेकिन रात्रिकाल में यह अनेक प्रकार की हानियों का कारण बन सकती है.

By Ashi Goyal | May 18, 2025 8:04 PM
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Vastu Tips : हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र के अनुसार, हमारे हर छोटे से छोटे कर्म का भी हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. जो कार्य हम रोज़मर्रा की आदतों में करते हैं, वे सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक और ऊर्जा स्तर पर भी प्रभाव डालते हैं. इन्हीं आदतों में से एक है – रात में उंगलियां चटकाना. यह आदत आम तौर पर लोग शरीर को आराम देने या खिंचाव दूर करने के लिए करते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र में इसे रात्रिकाल में करने की मनाही है. आइए जानते हैं क्यों रात में उंगलियां चटकाना अशुभ माना गया है और इसके पीछे कौन-से धार्मिक और वास्तु कारण हैं:-

– नेगेटिव एनर्जी को आमंत्रण देता है

वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात्रि काल में वातावरण में नेगेटिव एनर्जी सक्रिय रहती है. ऐसे में उंगलियां चटकाना एनर्जी चक्रों को असंतुलित कर सकता है और घर के वातावरण में नेगेटिविटी को बढ़ावा देता है. यह कार्य एनर्जी के प्रवाह को बाधित करता है, जिससे मन में चिड़चिड़ापन और बेचैनी आ सकती है.

– देवताओं का अपमान माना जाता है

हिंदू धर्म में रात्रिकाल को विश्राम और साधना का समय माना गया है. रात में शरीर की शांति और मानसिक स्थिरता को बनाए रखना आवश्यक होता है. इस समय जोर-जोर से उंगलियां चटकाना देवताओं और पितरों के अपमान के समान माना जाता है, जिससे उनकी कृपा में बाधा आ सकती है.

– पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है

वास्तु मान्यता है कि रात के समय की गई कुछ गतिविधियां घर के भीतर तनाव और कलह का कारण बन सकती हैं. उंगलियां चटकाने की आवाज घर के अन्य सदस्यों को मानसिक रूप से प्रभावित कर सकती है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है.

– शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है प्रभाव

रात के समय शरीर विश्राम की अवस्था में होता है. इस समय बार-बार जोड़ चटकाना या हड्डियों पर दबाव डालना वात दोष को बढ़ा सकता है. आयुर्वेद में यह माना गया है कि रात्रि का समय वात प्रधान होता है, और ऐसे में उंगलियां चटकाना जोड़ों के दर्द और अन्य समस्याओं को जन्म दे सकता है.

– आध्यात्मिक साधना में रुकावट

रात्रि को ईश्वर स्मरण, ध्यान और आत्मिक शांति के लिए उत्तम समय माना गया है. इस समय शरीर में कंपन और ध्वनियां उत्पन्न करना ध्यान में विघ्न डालता है. इससे मानसिक एकाग्रता भंग होती है और आध्यात्मिक उन्नति में बाधा आती है.

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वास्तु और धर्मशास्त्र दोनों में ही रात्रिकालीन संयम को अत्यधिक महत्व दिया गया है. उंगलियां चटकाना भले ही एक सामान्य आदत लगे, लेकिन रात्रिकाल में यह अनेक प्रकार की हानियों का कारण बन सकती है. अतः इस आदत से बचना ही श्रेष्ठ और शुभ माना गया है.

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