– दक्षिण दिशा को रखें स्वच्छ और संतुलित
वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को पिता के स्थान से जोड़ा गया है. यदि इस दिशा में भारी सामान, गंदगी या कोई दोष है, तो बाप-बेटे के रिश्तों में तनाव आ सकता है.
उपाय:
दक्षिण दिशा में साफ-सफाई रखें.
इस दिशा में लाल या भूरे रंग का उपयोग करें.
एक मिट्टी का दीपक जलाएं और भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.
लाभ: इससे पिता-पुत्र के बीच सम्मान और समझ बढ़ती है.
– पीपल के पेड़ की पूजा करें
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पीपल में पितरों और देवताओं का वास माना जाता है.
उपाय:
फादर्स डे के दिन या शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं.
“ओम नमः शिवाय” या “ओम पितृदेवाय नमः” का 108 बार जाप करें.
लाभ: इससे पितृदोष दूर होता है और पारिवारिक रिश्ते मजबूत होते है.
– पितरों को समर्पित करें तिल और जल
यदि कुंडली में पितृ दोष हो, तो बाप-बेटे के संबंधों में अनबन होना स्वाभाविक है.
उपाय:
हर अमावस्या को तिल मिश्रित जल से पितरों को अर्पण करें.
ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा दें.
लाभ: इससे पितरों की कृपा मिलती है और पारिवारिक समरसता आती है.
– घर के पूजाघर में पिता-पुत्र एक साथ बैठकर प्रार्थना करें
संयुक्त प्रार्थना से आत्मिक संबंध मजबूत होता है.
उपाय:
हर रविवार या शुभ दिन दोनों मिलकर हनुमान चालीसा या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
लाभ: यह पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाता है और आपसी सम्मान में वृद्धि करता है.
– तांबे का सिक्का या बर्तन दक्षिण दिशा में रखें
तांबा सूर्य का प्रतीक है, जो पिता का कारक ग्रह है.
उपाय:
तांबे का सिक्का या पात्र दक्षिण दिशा में रखें और उसमें थोड़ा सा शुद्ध जल भरकर रखें.
लाभ: यह सूर्य ग्रह को संतुलित करता है और पितृ संबंधों को बल देता है.
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फादर्स डे सिर्फ उपहार देने का दिन नहीं, बल्कि आत्मिक और भावनात्मक रूप से संबंधों को संवारने का दिन है. इन सरल लेकिन प्रभावशाली वास्तु उपायों से आप पिता और पुत्र के रिश्ते को गहराई और मजबूती दे सकते हैं.