Vat Savitri 2025: पति की लंबी उम्र के लिए ऐसे करें वट सावित्री व्रत, जानिए पूजन विधि

Vat Savitri 2025: वट सावित्री का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. यह व्रत पति की दीर्घायु और सुखद दांपत्य जीवन की कामना के लिए किया जाता है. इस व्रत के दौरान कुछ गलतियों से बचना आवश्यक है, अन्यथा व्रत का फल प्राप्त नहीं होता और नकारात्मक परिणाम भी सामने आ सकते हैं.

By Shaurya Punj | April 19, 2025 11:37 AM
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Vat Savitri 2025: वट सावित्री व्रत हर वर्ष सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और शुभ अवसर होता है. यह दिन केवल पति की दीर्घायु की कामना से नहीं जुड़ा है, बल्कि एक पत्नी के प्रेम, समर्पण और शक्ति का प्रतीक भी है. वर्ष 2025 में यह व्रत सोमवार, 26 मई को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष (बरगद) की पूजा करके सावित्री की तरह अडिग निष्ठा का प्रदर्शन करती हैं. कहा जाता है कि इसी व्रत के माध्यम से सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से पुनः प्राप्त किया था. यदि आप भी 2025 में वट सावित्री का व्रत करने की योजना बना रही हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना आवश्यक है. व्रत से संबंधित कुछ आवश्यक नियम और सावधानियां (Dos & Don’ts) हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने व्रत को सफल और फलदायक बना सकती हैं.

वट सावित्री व्रत में क्या करें (Dos)

सुबह जल्दी उठें और स्नान करें: इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना शुभ माना जाता हैफिर साफ और पारंपरिक कपड़े पहनें, खासकर लाल या पीले रंग की साड़ी.

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मंगलसूत्र और सिंदूर जरूर पहनें: ये शादीशुदा जीवन के प्रतीक होते हैं. इस दिन इन्हें गर्व के साथ पहनना चाहिए

बरगद के पेड़ की पूजा करें: बरगद के वृक्ष के चारों ओर सात बार सूत का धागा लपेटते हुए परिक्रमा करें. जल, फूल, फल और दीपक अर्पित करें. पूरी श्रद्धा और मन से प्रार्थना करें.

सावित्री-सत्यवान की कथा अवश्य पढ़ें या सुनें: यह व्रत का मूल है. इससे आपको इस पर्व का अर्थ और महत्व स्पष्ट रूप से समझ में आएगा.

वट सावित्री व्रत में क्या न करें

निर्जला व्रत करते हुए कुछ भी खाएं-पीएं नहीं: अगर आपने बिना पानी का व्रत (निर्जला) रखा है, तो दिनभर धैर्य और संयम बनाए रखें. ज्यादा मेहनत वाले काम न करें.

काले या सफेद कपड़े न पहनें: इन रंगों को अशुभ माना जाता है. कोशिश करें कि लाल, पीला या कोई उज्ज्वल रंग का परिधान पहनें.

स्वास्थ्य की अनदेखी न करें

अगर आप बीमार हैं या गर्भवती हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें. आप पूजा के नियमों का पालन दूसरे तरीकों से भी कर सकती हैं.

पूजा या कथा को नजरअंदाज न करें

व्रत का असली उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि श्रद्धा और भक्ति से पूजा करना है. कथा और पूजा को पूरा जरूर करें.

वट सावित्री व्रत केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह एक महिला की श्रद्धा, प्रेम और शक्ति का उत्सव है. सावित्री जैसी शक्ति प्राप्त करने के लिए इस व्रत को पूरी निष्ठा और नियमों के अनुसार करना आवश्यक है. यदि आप इन सरल बातों का पालन करेंगी, तो न केवल आपका व्रत सफल होगा, बल्कि आपके वैवाहिक जीवन में भी सुख, समृद्धि और सौभाग्य बना रहेगा.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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