Vat Savitri Vrat 2025 : वट सावित्री व्रत की थाली में जरूर रखें ये 5 चीजों को, व्रत होगा सफल
Vat Savitri Vrat 2025 : इन पवित्र वस्तुओं को व्रत की थाली में शामिल करके यदि विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो वट सावित्री व्रत पूर्ण फलदायक होता है और देवी सावित्री की कृपा से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है.
By Ashi Goyal | May 23, 2025 12:07 AM
Vat Savitri Vrat 2025 : वट सावित्री व्रत हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है. यह व्रत विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए करती हैं. इस दिन वट (बरगद) वृक्ष की पूजा की जाती है, और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनकर व्रत का विधान पूरा किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि यदि इस दिन व्रती स्त्री पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करती है तथा पूजन सामग्री की पवित्र वस्तुओं को थाली में रखती है, तो व्रत सफल होता है और भगवान विष्णु व माता सावित्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइए जानें व्रत की थाली में किन वस्तुओं का होना आवश्यक है:-
– धूप और दीपक
धूप और दीपक पूजा में अग्नि तत्त्व का प्रतीक होते हैं। यह दोनों वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाली मानी जाती हैं. दीपक प्रज्वलित करने से वातावरण शुद्ध होता है और पूजा स्थल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. व्रत की थाली में घी या तिल के तेल का दीपक अवश्य रखें.
– सिंदूर और हल्दी-कुमकुम
सिंदूर विवाहित स्त्री के सौभाग्य का प्रतीक है। हल्दी और कुमकुम का प्रयोग देवी-देवताओं की पूजा में शुभ माना जाता है. वट सावित्री व्रत की पूजा में वृक्ष की जड़ में सूत बांधते समय सिंदूर और हल्दी-कुमकुम का उपयोग किया जाता है। इससे स्त्री का सुहाग अखंड बना रहता है.
– फल और मिठाई
फल और मिठाई भगवान को भोग लगाने के लिए आवश्यक होते हैं. इस दिन व्रती स्त्रियाँ मौसमी फल और विशेष रूप से सात प्रकार के अनाज (सात धान्य) का भोग अर्पित करती हैं इससे व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है और देवी सावित्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
– जल से भरा लोटा
जल को जीवन का प्रतीक माना गया है. व्रत की पूजा में जल से भरे लोटे का विशेष महत्व होता है. वट वृक्ष को जल अर्पित करने से वृक्ष देवता और पितृ प्रसन्न होते हैं. इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है.
– सूत का धागा (कच्चा धागा)
वट सावित्री व्रत में सूत का धागा अत्यंत आवश्यक है. व्रती स्त्रियां इस धागे को वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए पेड़ में लपेटती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. यह धागा रक्षा का प्रतीक माना जाता है और सुहाग की रक्षा करता है.
इन पवित्र वस्तुओं को व्रत की थाली में शामिल करके यदि विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो वट सावित्री व्रत पूर्ण फलदायक होता है और देवी सावित्री की कृपा से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है.