Vat Savitri Vrat 2025: कैसे करें वट सावित्री व्रत की पूजा? जानिए संपूर्ण विधि
Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है. इस व्रत की पूजा विशेष नियमों और विधियों के अनुसार की जाती है. जानिए इस पवित्र दिन पर व्रत की सम्पूर्ण पूजा विधि और सही तरीका.
By Shaurya Punj | May 26, 2025 4:40 AM
Vat Savitri Vrat 2025: आज 26 मई 2025 को वट सावित्री व्रत रखा जा रहा है. वट सावित्री व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हेतु ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं, जहाँ सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस प्राप्त किए थे. इस व्रत से पति की दीर्घायु और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, जिसके लिए विधि-विधान से पूजा करना आवश्यक है.
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें और मन में कहें कि “मैं वट सावित्री व्रत अपने पति की दीर्घायु के लिए कर रही हूं. भगवान मुझ पर और मेरे पति पर अपनी कृपा बनाए रखें.”
पूजन के लिए किसी वट वृक्ष (बरगद के पेड़) के पास जाएं. यदि यह संभव न हो तो आप घर में गमले में बरगद का छोटा पौधा रखकर भी व्रत कर सकते हैं.
पूजा के लिए लाल वस्त्र, चुनरी, मौली (कलावा), रोली, हल्दी, चावल, सुपारी, फूल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत के लिए), फल, मिठाई, भोग, जल से भरा लोटा, बांस की टोकरी में सात प्रकार के अनाज, वट वृक्ष के लिए सूत का धागा, दीपक, अगरबत्ती, कपूर, और वटवृक्ष व्रत पुस्तक की आवश्यकता होगी.
वट वृक्ष की पूजा करें – सबसे पहले वट वृक्ष के पेड़ को जल चढ़ाएं, इसके बाद पेड़ को हल्दी-रोली लगाएं और फिर फूल अर्पित करें.
सूत का धागा वट वृक्ष के चारों ओर 7 या 11 बार परिक्रमा करते हुए लपेटें और हर फेरे पर मन में पति की लंबी उम्र की कामना करें.
पति-पत्नी की प्रतिमा (या सावित्री-सत्यवान की मूर्ति) को बांस की टोकरी में सजाकर पूजन करें. पंचामृत से स्नान कराएं, वस्त्र अर्पित करें, रोली-अक्षत लगाएं. इसके बाद एक घीर का दीपक जलाएं और वट सावित्री व्रत कथा पढ़ें या सुनें. पूजन के बाद मां सावित्री की आरती करें. अंत में प्रसाद व पंचामृत का वितरण करें.
व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद जलपान कर करें.