Vrishabha Sankranti 2025: सनातन धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व है. यह पर्व सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा की जाती है. इसके साथ ही जप-तप और दान का भी आयोजन किया जाता है. संक्रांति तिथि पर दान करने का विधान भी है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आज गुरुवार, 15 मई को 12:20 ए एम पर सूर्य मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं. उदया तिथि के अनुसार, इसी दिन वृषभ संक्रांति का आयोजन किया जाएगा. इस समय सूर्य की ऊर्जा अत्यधिक होती है, जिससे ध्यान, पूजा, स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व बताया गया है.
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