वृषभ संक्रांति आज, जानें लोगों को जीवन में क्या होगा इसका प्रभाव

Vrishabha Sankranti 2025: सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का अत्यधिक महत्व है. वृषभ संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुण्यदायिनी गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाएंगे. इसके बाद विधिपूर्वक सूर्य देव की पूजा करेंगे. सूर्य देव की पूजा से स्वास्थ्यपूर्ण जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.

By Shaurya Punj | May 15, 2025 9:18 AM
an image

Vrishabha Sankranti 2025: पंचांग के अनुसार, आज 15 मई, 2025 को सूर्य मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं, जिसे वृषभ संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इस दिन स्नान, दान और सूर्य पूजा का विशेष महत्व है. इस संक्रांति का लोगों के जीवन में विशेष महत्व होता है साथ ही इसके प्रभाव से लोगों के जीवन में बदलाव देखने को मिलता है.

वृषभ संक्रांति से लोगों के जीवन में बदलाव

सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है. वृषभ संक्रांति के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुण्यदायिनी गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाएंगे. इसके पश्चात विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करेंगे. सूर्य देव की पूजा से आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.

Vrishabha Sankranti 2025 पर पुण्य काल के साथ लग रही है भद्रा

इस साल की वृषभ संक्रांति का नाम मन्दाकिनी है. वृषभ संक्रांति पर सूर्य देव लाल रंग के वस्त्र पहने हाथी पर विराजमान होकर पश्चिम दिशा में गमन करेंगे. वे अपने हाथों में धनुष धारण किए होंगे. उनकी दृष्टि ईशान कोण में होगी. उस दिन उनका खाने का पदार्थ दूध है, जो लोहे के पात्र में होगा. वृषभ संक्रांति का प्रभाव लोगों पर शुभ होगा. वृषभ संक्रांति के कारण धन और समृद्धि आएगी. जो लोग बीमार हैं, उनको स्वास्थ्य लाभ होगा. पुरानी बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. धन और धान्य से घर भरेंगे. अन्य देशों के साथ संबंध मधुर होंगे. रिश्ते मजबूत होंगे. वस्तुओं की लागत सामान्य रहेगी.

वृषभ संक्रांति 2025 स्नान और दान मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त स्नान और दान के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है. 15 मई को वृषभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:07 am से 04:49 am तक रहेगा. हालांकि, संक्रांति का स्नान और दान पुण्य काल और महा पुण्य काल में अधिक फलदायी होता है. इस प्रकार, आप संक्रांति का स्नान सुबह 04:07 am से लेकर दोपहर 12:18 pm के बीच कर सकते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version