Chess World Cup: दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनीं, मिल रही बधाइयां

Chess World Cup: भारत की उभरती हुई शतरंज स्टार दिव्या देशमुख ने FIDE वर्ल्ड कप 2025 में इतिहास रचते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी को हराकर दिव्या न केवल भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनीं, बल्कि अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी अपनी जगह पक्की कर ली. रैपिड राउंड में दिव्या ने शानदार रणनीति और आत्मविश्वास दिखाते हुए निर्णायक जीत हासिल की.

By Aditya Kumar Varshney | July 28, 2025 6:28 PM
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Chess World Cup: जॉर्जिया के बातूमि में आयोजित FIDE वर्ल्ड कप 2025 के महिला वर्ग में भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. उन्होंने अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी को बेहद रोमांचक मुकाबले में हराकर न सिर्फ वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया, बल्कि भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव भी हासिल किया. क्लासिकल मुकाबलों में जहां दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही, वहीं रैपिड राउंड में दिव्या ने शानदार रणनीति और ठोस मानसिक दृढ़ता दिखाकर मैच अपने पक्ष में किया. इस जीत के साथ दिव्या ने अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी जगह पक्की कर ली, जो महिला विश्व चैंपियन बनने की राह का सबसे अहम पड़ाव है. 

Chess World Cup: क्लासिकल से रैपिड तक

शनिवार और रविवार को हुए दो क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, जिसमें हंपी ने अनुभव का परिचय देते हुए दिव्या को बढ़त नहीं लेने दी. दोनों खिलाड़ियों के बीच स्कोर 1-1 रहा. सोमवार को जब मुकाबला रैपिड फॉर्मेट में पहुंचा, तब बात एकदम बदल गई. पहले रैपिड गेम में दिव्या ने सफेद मोहरों से खेलते हुए आक्रामक शुरुआत की, लेकिन हंपी ने मैच को ड्रॉ करवाकर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाई. हालांकि, दूसरे रैपिड गेम में दिव्या ने काले मोहरों से शुरुआत से ही दबाव बनाकर खेला, और अंततः हंपी की एक चूक (ब्लंडर) ने मैच का रुख बदल दिया.

इतिहास में नाम दर्ज

दिव्या देशमुख की इस जीत ने भारतीय महिला शतरंज में एक नया अध्याय जोड़ा है. वो अब कोनेरू हंपी, डी हरिका और आर वैशाली के बाद देश की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बन गई हैं. इससे पहले पुरुष खिलाड़ियों डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा और अर्जुन एरिगेसी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय शतरंज में ऊंचाइयों पर पहुंचाया था. अब दिव्या ने महिला शतरंज में भारत की उम्मीदें और मजबूत कर दी हैं. वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचते ही उन्होंने 2026 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बना ली थी. यह टूर्नामेंट तय करेगा कि कौन महिला खिलाड़ी मौजूदा विश्व चैंपियन जू वेनजुन को चुनौती देगी.

अपने से दोगुनी उम्र की कोनेरू हंपी के खिलाफ यह जीत दिव्या के करियर का सबसे अहम मोड़ है. मैच के बाद भावुक दिव्या अपने आंसू नहीं रोक सकीं, जबकि हंपी ने आखिरी तक संघर्ष करते हुए युवा प्रतिभा को सम्मानपूर्वक चुनौती दी.

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी बधाइयां

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख को जॉर्जिया में फिडे महिला विश्व कप जीतने पर बधाई दी और कहा कि इस युवा खिलाड़ी की उपलब्धि देश में प्रतिभा की प्रचुरता को दर्शाती है. राष्ट्रपति ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दिव्या देशमुख को मेरी हार्दिक बधाई, जो फिडे महिला विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं और वह भी 19 साल की छोटी उम्र में. कोनेरू हम्पी उपविजेता रहीं. शतरंज विश्व चैंपियनशिप के दोनों फाइनलिस्ट भारत से थे. यह हमारे देश में, विशेषकर महिलाओं में प्रतिभा की प्रचुरता को दर्शाता है.’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख को फिडे महिला विश्व कप चैंपियन बनने पर बधाई देते हुए कहा कि यह दो उत्कृष्ट भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी वाला एक ऐतिहासिक फाइनल था.

पीएम ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दो उत्कृष्ट भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के बीच ऐतिहासिक फाइनल. फिडे महिला विश्व शतरंज चैंपियन 2025 बनने वाली युवा दिव्या देशमुख पर गर्व है. उन्हें इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई. यह कई युवाओं को प्रेरित करेगा.’’

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