इंग्लैंड और जिम्बाब्वे के बीच जारी टेस्ट मुकाबले में अब तक दोनों टीमों ने जबरदस्त जुझारूपन दिखाया है. 23 मई से ट्रेंट ब्रिज में खेले जा रहे इस मुकाबले में इंग्लैंड के 565 रन के जवाब में जिम्बाब्वे की टीम अच्छी शुरुआत की उम्मीद के साथ मैदान पर उतरी, लेकिन शुरुआत में ही बेन करन के जल्दी आउट होने से टीम दबाव में आ गई. ऐसे समय में ओपनर ब्रायन बेनेट ने पारी को संभाला और शानदार बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए शतक जड़ा.
बेनेट ने सिर्फ 97 गेंदों में शतक पूरा किया, जो टेस्ट क्रिकेट में किसी भी जिम्बाब्वे बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक है. इसके साथ ही वह इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में शतक लगाने वाले जिम्बाब्वे के सिर्फ तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं. यही नहीं बेनेट विदेश में शतक लगाने वाले सबसे युवा जिम्बाब्वे ओपनर भी बन गए हैं. उनकी उम्र केवल 21 साल है, साथ ही वे इंग्लैंड की धरती पर शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा ओपनर हैं. बेनेट ने 143 गेंद पर 26 चौकों की मदद से 139 रन की पारी खेली.
मुकाबले में अब क्या हुआ?
अगर मुकाबले की बात करें तो इंग्लैंड की पहली पारी में उनके शुरुआती तीनों बल्लेबाजों ने शतक लगाए. जैक क्रॉली ने 124 रन और बेन डकेट ने 140 रन की पारी खेली. इसके बाद ओली पोप ने 166 गेंदों में 171 रन बनाए, और बाद में हैरी ब्रूक ने भी 58 रन जोड़कर टीम को 565 रन तक पहुंचाया, जिसके बाद इंग्लैंड ने पारी घोषित कर दी. हालांकि ब्रेनेट के अलावा और कोई भी जिम्बाब्वे का बल्लेबाज नही चल पाया और उनकी पारी 265 रन पर ही समाप्त हो गई.
दूसरी पारी में भी जिम्बाब्वे की हालत खस्ता
300 रन की लीड पर इंग्लैंड ने जिम्बाब्वे को फॉलोऑन खेलने के लिए आमंत्रित किया. दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक एक बार फिर जिम्बाब्वे ने 2 विकेट गंवा दिए. इस बार ब्रेनेट भी नहीं चल सके और 1 रन बनाकर चलते बने, वहीं उनके साथ कप्तान क्रेग इरविन भी 2 रन बनाकर आउट हो गए. जिम्बॉब्वे दूसरी पारी में दूसरे दिन 2 विकेट के नुकसान पर 30 रन ही बना सका है, ऐसे में मैच की परिस्थिति देखकर लगता है कि यह मैच इंग्लैंड की मुट्ठी में है.
भारत को मिली सीख, कप्तान पर फंसा पेंच
इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ भारत की कम अनुभवी टीम का खेलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. लेकिन भारत के लिए इंग्लैंड दौरे पर यह पारी एक आदर्श उदाहरण है कि इंग्लिश कंडीशंस में कैसे खुद को ढालकर सफल हुआ जा सकता है. ब्रायन बेनेट की तरह ही भारत की बल्लेबाजी भी अनुभव की कमी से जूझ रही है, लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास के साथ खेला और बेन स्टोक्स की अगुवाई वाली इंग्लैंड टीम पर दबाव बनाया. भारतीय टीम का ऐलान भी 24 मई को हो रहा है. अब देखना होगा कि इस नई टीम की कमान किसके हाथ में दी जाएगी.
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