बैजबॉल! छोटी टीमों के सामने शेर, तो इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के आगे भीगी बिल्ली, आंकड़े देखकर आप भी यही कहेंगे

England's Bazball fails in front of India and Australia: ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स की आक्रामक बैजबॉल शैली 2022 से इंग्लैंड का ट्रेडमार्क बन गई, जिसमें वे हमेशा जीत के लिए खेलते हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालांकि यह रणनीति बार-बार नाकाम रही, भले ही छोटे लक्ष्य चेज करने में सफलता मिली हो, इसी दौरान वे छोटी टीमों के खिलाफ जरूर सफल रहे हैं.

By Anant Narayan Shukla | August 5, 2025 10:55 AM
an image

England’s Bazball fails in front of India and Australia: टेस्ट क्रिकेट में केवल जीत के लिए खेलना ब्रेंडन मैकुलम की संभवतः नई ईजाद थी. उनके निक नेम ‘बैज’ से एक नई शैली बैजबॉल की शुरुआत हुई 2022 में, जब वे इंग्लैंड टीम के कप्तान बने. उसी समय इंग्लैंड को कप्तान मिला- बेन स्टोक्स. इत्तेफाक ही होगा शायद, मैकुलम और स्टोक्स दोनों ही न्यूजीलैंड में पैदा हुए हैं, इसलिए दोनों की आपस में खूब बनती है. बैज़बॉल युग में इंग्लिश टीम ड्रा के लिए नहीं खेलती, बल्कि जीत के लिए पूरी तरह से हमला करती है. बड़े से बड़ा लक्ष्य भी इंग्लैंड के बल्लेबाजों के राडार से दूर नहीं होता. भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 372 रन चेज करते हुए इसे दिखा भी दिया. ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट में भी 374 रन के टार्गेट से केवल 6 रन ही पीछे रह पाए. लेकिन यह तुक्का ही था शायद. क्योंकि अन्य टीमों के खिलाफ बैजबॉल भले ही चले, भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह पूरी तरह अपनी चमक नहीं बिखेर पाया है. 

बैजबॉल वाली बल्लेबाजी में रन रेट 4.5 या यहां तक कि 5 प्रति ओवर से भी ऊपर चला जाता है. लेकिन इंग्लैंड की यह धुआंधार बल्लेबाजी वाली स्क्रिप्ट भारत के लिए परफेक्ट और मेजबानों के लिए निराशाजनक निकली. ओवल टेस्ट को देखें, तो हैरी ब्रुक (98 गेंद पर 112 रन) और जो रूट के शतक के बाद ऐसा लगा कि भारत के हाथ से मैच निकल गया, लेकिन यह सिर्फ लगभग ही रहा. इंग्लैंड महज छह रन से हार गया. अगर एक बल्लेबाज भी थोड़ा समझदारी से खेलता, तो स्कोरलाइन 3-1 हो सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्यों? क्योंकि बैजबॉल भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उतना असरदार नहीं है. 2022 के बाद से टेस्ट क्रिकेट में भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक भी सीरीज नहीं जीते हैं और मैच भी अधिक गंवाए हैं.  

क्रिकबज के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में बैजबॉल युग शुरू होने के बाद से इंग्लैंड ने न तो भारत और न ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोई सीरीज जीती है. इन दोनों टीमों के खिलाफ खेले गए 16 टेस्ट में इंग्लैंड सिर्फ 6 जीत पाया है और सीरीज जीत का आंकड़ा अभी भी 0 है. जबकि बाकी टीमों के खिलाफ उनका प्रदर्शन शानदार रहा है, जहां उन्होंने 10 में से 8 सीरीज जीती, जबकि 25 मैचों में 19 जीत मिली है और सिर्फ 6 हार. यानी साफ है कि बैजबॉल भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काम नहीं करता. लेकिन बाकी टीमों के खिलाफ इंग्लैंड ने धूम मचा दी.  2024 में वेस्ट इंडीज को 3-0, श्रीलंका को 2-1, पाकिस्तान को 2-1 और न्यूजीलैंड को 2-1 से हराया.

इसे विस्तार से देखें, तो 2023 की एशेज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड अपने घर में सीरीज 2-2 से बराबर ही कर सका. भारत के खिलाफ कहानी 2021 की सीरीज के आखिरी टेस्ट से शुरू हुई, जो अगले साल खेला गया. इंग्लैंड ने वह मैच जीता, लेकिन पूरी सीरीज में भारत के खिलाफ उनका प्रदर्शन औसत रहा. 2024 में जब वे रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम से पांच मैचों की सीरीज खेलने भारत आए, तो उन्हें 4-1 से करारी हार झेलनी पड़ी.

अब, रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर. अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी में भी बेन स्टोक्स की टीम सिर्फ 2-2 की बराबरी ही कर सकी. जबकि ओवल टेस्ट में उन्होंने लंबे समय तक रन चेज में दबदबा बनाए रखा था. यह 2-2 भी भारत के पक्ष में 3-1 हो सकता था, अगर सिराज और जडेजा लॉर्ड्स टेस्ट जीत पाते.

आंकड़े साफ बता रहे हैं कि बैजबॉल ताकतवर टीमों के खिलाफ केवल पेपर टाइगर है. इंग्लैंड का यह आक्रामक खेल कमजोर टीमों के खिलाफ तो कहर ढाता है, लेकिन जब असली चुनौती भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों से मिलती है, तो ‘बैजबॉल’ की धार कुंद पड़ जाती है और उनका आत्मविश्वास बिखर जाता है. 

ये भी पढ़ें:-

‘जब उसने अंंतिम विकेट लिया…’ हार के बाद बिखरे मैकुलम, लेकिन सिराज के लिए कह गए ये बड़ी बात

‘सब सिखाना पड़ता है, बॉलिंग छोड़कर’, डिमांड पर फंसे सिराज, तो सरदार जी ने कर दिया ट्रोल, देखें वीडियो

क्रिकेटिंग सिनेमा का अमिट क्लाइमेक्स! 57 मिनट और 53 गेंदों में भारत ने ओवल में इतिहास रचा…

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version