Yuzvendra Chahal Dhanashree Verma Divorce Case: भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी अलग रह रही पत्नी धनश्री वर्मा के तलाक मामले में बड़ा मोड़ आ गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए छह महीने की अनिवार्य कूलिंग ऑफ अवधि को माफ कर दिया और पारिवारिक अदालत को निर्देश दिया कि वह गुरुवार (20 मार्च) तक तलाक की याचिका पर फैसला सुनाए.
क्रिकेट और कोर्ट का टकराव
यह मामला उस वक्त और पेचीदा हो गया जब कोर्ट ने इस पर विचार किया कि चहल 21 मार्च के बाद कोर्ट में उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. पंजाब किंग्स के लिए खेलने जा रहे चहल की पेशेवर प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने यह फैसला लिया. हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को जल्द से जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है. यह फैसला कानूनी और खेल जगत दोनों के लिए चर्चा का विषय बन गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि पहली बार किसी क्रिकेटर के पेशेवर शेड्यूल को देखते हुए तलाक की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है.
तलाक और वित्तीय सेटलमेंट
चहल और धनश्री ने 5 फरवरी को पारिवारिक अदालत में आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दी थी. हालांकि, फैमिली कोर्ट ने पहले इस पर सहमति नहीं दी थी क्योंकि तलाक की सहमति शर्तों के अनुसार, चहल को 4.75 करोड़ रुपये गुजारा भत्ते के रूप में देने थे. लेकिन उन्होंने अभी तक पूरी राशि का भुगतान नहीं किया था. इस वित्तीय पहलू के कारण 20 फरवरी को फैमिली कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. बाद में, हाईकोर्ट में अपील करने के बाद यह मामला फिर से चर्चा में आ गया.
आईपीएल 2025 बनाम निजी जीवन
इस केस में दिलचस्प मोड़ यह है कि कोर्ट का फैसला एक तरह से चहल के IPL करियर के लिए ‘डेडलाइन’ जैसा बन गया है. यह पहली बार हुआ है जब किसी खिलाड़ी के टूर्नामेंट शेड्यूल को देखते हुए अदालत ने तलाक की प्रक्रिया को तेज किया है. सवाल उठता है कि क्या पेशेवर प्रतिबद्धताओं के कारण कानूनी मामलों में जल्दबाजी होनी चाहिए. क्या यह फैसला भविष्य में अन्य खिलाड़ियों के लिए भी नजीर बनेगा?